BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट Sindhu Water Treaty: बूंद-बूंद पानी को तरसेगा पाकिस्तान! सिंधु जल समझौता को लेकर चल रही शाह की बैठक खत्म; पाक के खिलाफ बड़ा फैसला Sindhu Water Treaty: बूंद-बूंद पानी को तरसेगा पाकिस्तान! सिंधु जल समझौता को लेकर चल रही शाह की बैठक खत्म; पाक के खिलाफ बड़ा फैसला Bihar News: PM Modi ने झंझारपुर से 13,480 Cr की दी सौगात, JDU महसचिव बोले- यह सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि मिथिलांचल के नवयुग का शंखनाद है BIHAR: 2 बच्चों की मौत के बाद SDRF पर उठे सवाल, लोगों ने कहा..बोट चलाने के लिए ईंधन नहीं था, जिसके चलते बचाव कार्य में देरी हुई Bihar News: सड़क हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में किया भारी बवाल Bihar Crime News: हथियार दिखाकर फाइनेंस कर्मी से लूट, दिनदहाड़े हुई घटना के बाद खौफ में स्थानीय लोग Purnea News: पूर्णिया में ज्ञान और रचनात्मकता का महाकुंभ, माइंडफेस्ट 2025 का भव्य शुभारंभ
01-Jan-2025 02:07 PM
By Viveka Nand
Bihar Politics: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के एक नेता हैं, जिनकी एक मात्र पहचान छपास से है. पूर्व की सरकार में भी यही काम था, वर्तमान में भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं. जहां देखिए वहां गुलदस्ता लिए खड़े मिल जाएंगे, राजकीय समारोह जहां सरकार के जाने का कार्यक्रम हो, वहां तो हर हाल में दिखेंगे. इसके बाद मीडिया में छप जाएंगे. दरअसल, इस गणेश परिक्रमा के पीछे बड़ा खेल है.पहला तो यह कि सरकार और पार्टी के मुखिया के संज्ञान में रहेंगे, ताकि बोर्ड-निगम में कोई बड़ा पद मिल जाय. वैसे, इस बार विधानसभा का टिकट के लिए भी बेकरार हैं. दूसरा बड़ा लाभ यह कि सरकार के पीछे तस्वीर आ जाएगी तो वैल्यू बना रहेगा. वो तस्वीर मीडिया में छप जाएगी तो मार्केट में पकड़ बनी रहेगी, जिससे धंधा बरकरार रहेगा. बताया जाता है कि मुखिया के पीछे तस्वीर छपते रहेगी तो राजधानी वाला कारोबार भी फलता-फूलता रहेगा.
जेडीयू के छपास रोगी नेता से दल के लोग भी परेशान
हम बात कर रहे हैं, जेडीयू के एक छपास रोगी नेता की. ये पार्टी संगठन में पदधारक( G.S.) भी हैं. लेकिन मुख्य काम चेहरा चमकाना है. चेहरा चमका कर कुछ पा लेने का मिशन है. इस छपास रोगी नेताजी से दल के लोग भी परेशान हैं. परेशान हों भी क्यों नहीं...इनका एक मात्र उद्देश्य छपना है. जिससे दल के दूसरे नेता भी चिढ़े रहते हैं. पार्टी के नेता अपने इस छपास रोगी नेता को अनेक उपनाम से संबोधित करते हैं. कोई छपास रोगी, तो कोई कुछ और कहता है.
छपास रोगी नेता का मिशन गुलदस्ता
खैर, इस चर्चा से आगे बढ़ते हैं. साल के पहले दिन छपास रोगी नेताजी पार्टी के मुखिया को गुलदस्ता देने को बेकरार दिखे. हालांकि एक बड़े नेता के सहयोग से मुखिया को गुलदस्ता देने में कामयाब हो गए। मिशन जैसे ही कामयाब हुआ, आनन-फानन में वो तस्वीर मीडिया में शेयर की गई, ताकि प्रचारित हो सके, हमने नए साल पर अपने नेता को गुलदस्ता देकर बधाई दे दिया. इसके बाद छपास रोगी नेताजी सुप्रीमो के गांव पहुंच गए. वहां की तस्वीरों में भी छपास रोगी दिखे.
बोर्ड-निगम के अध्यक्ष बनेंगे या मिलेगा टिकट ?
जानकार बताते हैं कि, छपास रोगी नेताजी काफी समय से बोर्ड-निगम में पद पाने को बेकरार हैं. हालांकि छपास रोगी नेता जी की डिमांड बढ़ते ही जा रही है. पहले बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद मिलने की लालसा पाल रखी थी. अब भोजपुर के एक विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट मांग रहे हैं. हालांकि जिस सीट से दावेदारी कर रहे, वो भाजपा के खाते में है. छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद या विस का टिकट के लिए दिन-रात मिहनत कर रहे, हर जगह गुलदस्ता लेकर खड़ा दिख रहे हैं. हर वो काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है पार्टी के मुखिया की कृपा बरसेगी. वैसे बता दें, छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद और विधायकी का टिकट का भी डिमांड कर चुके हैं. हालांकि डिमांड खारिज हो चुकी है.
तब लालू यादव के पीछे ऐसे ही खड़े होकर तस्वीर खींचवाते थे छपास रोगी नेताजी
बता दें, छपास रोगी नेताजी, जो हर कार्यक्रम में तस्वीर खिंचाने-छपवाने को बेकरार रहते थे, पूर्व की सरकार(लालू-राबड़ी) में भी ऐसे ही पोज में रहते थे. तस्वीर छपवाकर खूब टीआरपी बटोरी थी. सत्ता जाने के बाद पलटी मारी, अब वर्तमान सरकार के मुखिया के पीछे खड़े होकर, या गुलदस्ता देते तस्वीर खिंचवा कर अपनी राजनैतिक दुकान चमकाने में लगे हैं. अब देखना होगा कि छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम का अध्यक्ष बन पाते हैं या नहीं ? टिकट की आस पूरी हो पाती है या नहीं ?