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27-Feb-2025 08:01 AM
NITISH CABINET EXTENSION : चुनाव से ठीक 6 महीने पहले नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। इस कैबिनेट विस्तार में सिर्फ बीजेपी के कोटे से ही मंत्री बने हैं।
जिन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है,उनमें दरभंगा नगर विधानसभा क्षेत्र के वैश्य समाज से आने वाले संजय सरावगी, नालंदा के बिहार शरीफ विधायक डॉ० सुनील कुमार, दरभंगा जिले के ही जाले विधानसभा क्षेत्र के विधायक जीवेश कुमार मिश्रा, मुजफ्फरपुर के साहिबगंज विधानसभा से राजू कुमार सिंह, सीतामढ़ी जिले के रीगा विधायक मोतीलाल प्रसाद, अररिया जिले के सिकटी विधानसभा क्षेत्र के विजय कुमार मंडल और सारण जिले के अमनौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कृष्ण कुमार मंटू को मंत्री बनाया गया है.
इन सात मंत्रियों में से दो चेहरे ऐसे हैं जो पहले मंत्री रह चुके हैं.
इनमें एक चेहरा जीवेश कुमार का है जो नीतीश सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। पहली बार जीवेश मिश्रा 2020 की शुरुआत में मंत्री बने थे। जीवेश मिश्रा को श्रम संसाधन मंत्री बनाया गया था ।
लेकिन अगस्त 2022 में नीतीश कुमार को महागठबंधन में चले गए थे. उसके बाद 28 जनवरी 2024 को फिर नीतीश कुमार एनडीए के साथ सरकार बनाये लेकिन दूसरी बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया ।
अब मंत्रीमंडल विस्तार में फिर उन्हें मौका मिला है.
वही सिकटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक विजय कुमार मंडल नीतीश सरकार में तो कभी मंत्री नहीं रहे लेकिन 2000 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद लालू प्रसाद यादव ने उन्हें अपने साथ शामिल करके राज्य मंत्री बनाया था.
उसके बाद 2005 में एनडीए की नीतीश सरकार बन गई थी.अब नीतिश सरकार में मंत्री बनाया गया है.
लेकिन पांच चेहरे ऐसे हैं जिन्हें पहली बार मंत्री पद की कुर्सी मिली है. इनमें पहला नाम संजय सरावगी का है जो 1995 से बीजेपी के साथ रहे . पार्टी ने पहला मौका उन्हें दरभंगा नगर विधानसभा से 2005 में मौका दिया और उस वक्त से लगातार पांच बार विधायक बने है। अब पार्टी ने मंत्री पद देकर तोहफ़ा दिया है. दूसरा नाम राजू कुमार सिंह हैं जो मुजफ्फरपुर जिले के साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र से 2005 लोजपा 2010 में जेडीयू और 2015 वह बीजेपी के टिकट पर विधायक बने.
2020 में मुकेश साहनी की पार्टी से चुनाव लड़े और जीत हासिल किया .
लेकिन बाद में VIP छोड़कर बीजेपी में फिर शामिल हो गए. राजू सिंह पहली बार मंत्री बने हैं.
तीसरा नाम मोतीलाल प्रसाद है जो सीतामढ़ी जिले के रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक है. वह 2010 में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे लेकिन 2015 में कांग्रेस से हार मिली थी. 2020 में वह फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने .मोतीलाल प्रसाद वैश्य समाज से आते हैं और 1982 से बीजेपी से जुड़े हैं।
अब पार्टी ने उन्हें पहली बार मंत्री पद का तोहफा दिया है .
मंत्री बनने वाले चौथा नाम कृष्ण कुमार मंटू का है जो अमनौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने हैं .उन्हें भी पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है. कृष्ण कुमार मंटू 2010 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल किया था .लेकिन महागठबंधन में जेडीयू के रहने के कारण 2015 में बीजेपी ने उन्हें हरा दिया था. 2020 के चुनाव में अमनौर विधानसभा सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी तो वह बीजेपी को ज्वाइन करके चुनाव लड़े और जीत हासिल किया.कृष्ण कुमार मंटू कुर्मी जाति से आते हैं और कुछ दिनों पहले वह पटना के मिलर स्कूल मैदान में कुर्मी एकता रैली किया था जो काफी सफल हुआ था.
पार्टी ने जातीय समीकरण के आधार पर उन्हें मंत्री बनने का मौका दिया है .
पांचवा नाम डॉ० सुनील कुमार का है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र नालंदा जिले के बिहार शरीफ विधानसभा के विधायक है .वह कुशवाहा जाति से आते हैं .डॉक्टर सुनील कुमार 2005 और 2010 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे. लेकिन 2013 में जब पार्टी एनडीए का साथ छोड़ दी थी तो वह जेडीयू से हटकर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
2015 से वह लगातार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं .अब पार्टी ने उन्हें पहली बार मंत्री पद की कुर्सी दे दिया है.