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06-Mar-2025 11:12 AM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics : महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब के तारीफों के पुल बांधे तो उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। अब बिहार में जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर भी उनके सुर में सुर मिला रहे ुहैं। उन्होंने औरंगजेब को ना सिर्फ बेहतर शासक बताया है, बल्कि अबु आजमी के पक्ष में भी खडे नजर आए हैं। उन्होंने इस बात पर भी ऐतराज जताया कि वरिष्ठ नेता अबु आजमी को पूरे सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित किया जाना उचित नहीं है। उन्होंने औरंगजेब को अच्छा हुक्मरान करार दिया है।
इस बीच, भाजपा के फायरब्रांड विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि ऐसे लोग किसी भी पार्टी में रहें, उससे मतलब नहीं है। ये एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। इनकी मानसिकता गजवा-ए-हिंद की है। जिस औरंगजेब ने सत्ता प्राप्त करने के लिए अपने भाइयों का गला काटा, पिता को कैद किया, सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा, मां-बहनों की आबरू लूटी, उसको ये लोग महिमामंडित कर रहे हैं। ऐसे लोगों को इस देश में रहने का अधिकार नहीं है। इन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए। एक क्रूर शासक का गुणगान करने वाला कभी भी भारतीय नहीं हो सकता है।
दरअसल, सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। वह क्रूर नहीं, बल्कि न्यायप्रिय शासक था। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर ने सधे अंदाज में औरंगजेब की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सदन में इसकी चर्चा नहीं होनी चाहिए। इतिहासकारों ने भी माना है कि औरंगजेब जालिक शासक नहीं था। उसे विलेन की तरह पेश किया गया है।
बिहार के लिए यह चुनावी साल है, और 2027 में उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में भावनाओं को भड़काने और अल्पसंख्यक वोटों को अपनी ओर करने काम काम तेजी से चल रहा है। बिहार में सबको मालूम है कि अगर घ्रुवीकरण हुआ, तब भी फायदा किसको होगा। बिहार में एनडीए की मजबूत घटक दल जेडीयू है, और वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए सीधे-सीधे हिंदू-मुस्लिम ना करके औरंगजेब को मोहरा बनाकर ध्रुवीकरण का प्रयास तेज किया गया है। जिस तरह से खालिद अनवर के बयान सामने आए, और उसपर बचौल की प्रतिक्रिया आई है, उससे साफ जाहिर है कि आखिर औरंगजेब अचानक कैसे नेताओं की जुबान पर चढ़ गए हैं। अबु आजमी भी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं। उनके बयान के भी मायने क्या हैं, यह खूब समझ में आ रहा है। अब देखना यह है कि जेडीयू खालिद अनवर के बयान को किस तरीके से लेती है।