मुजफ्फरपुर: पशु व्यवसायी से लूट का आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, कैश भी बरामद सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल
28-Dec-2020 05:25 PM
PATNA : नीतीश कैबिनेट के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के निर्वाचन को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. विधानसभा चुनाव में सुपौल विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रहे अनिल कुमार सिंह ने चुनौती दी है. हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने नामांकन पत्र में जानकारी छुपाई है.
शिकायत के बाद अधिकारी ने नहीं की कार्रवाई
सुपौल विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अनिल सिंह में स्क्रूटनी के दौरान विजेंद्र यादव के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराया था. लेकिन उनका आरोप है कि निर्वाचित पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल ने इस पर उचित निर्णय लेते हुए आदेश नहीं दिया. अनिल कुमार सिंह ने आरटीआई के जरिए विजेंद्र प्रसाद यादव के नामांकन पत्र समेत सभी चुनाव संबंधी अभिलेख निर्वाचित पदाधिकारी से प्राप्त किया है और उसी के आधार पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
लाखों रुपए है बकाया
प्रत्याशी की तरफ से हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसमें आरोप लगाया गया है कि विजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा निहित वैद्य जमानत की राशि जमा नहीं की गई. सबमिट प्रपत्र में शपथ पत्र भी नहीं भरा गया और साथ ही साथ शपथ पत्र में अर्जित संपत्ति पत्र देनदार का पूर्ण विवरण अंकित नहीं किया गया है. एक गैर सरकारी संस्था का अस्थाई सदस्य होने के बावजूद उनके द्वारा इसकी जानकारी शपथ पत्र में नहीं दी गई है गैर सरकारी संस्था पर सरकार का लाखों रुपया बकाया है.
विभाग के मंत्री का 5 लाख का बिजली बिल बकाया
इतना ही नहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि बिजेंद्र प्रसाद यादव के पटना स्थित सरकारी आवास एक स्टैंड रोड में बिजली कनेक्शन का 561316 बकाया है, जबकि विजेंद्र यादव ने नामांकन पत्र में बिजली का बकाया शून्य बताया. इतना ही नहीं अपराध के संबंध में जानकारी दिए जाने वाले कॉलम को भी खाली छोड़ दिया गया जो बिहार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन है. अगर याचिका में लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की मुसीबत बढ़ सकती है.