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22-Dec-2024 11:14 PM
By First Bihar
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से की जाती है। वर्ष 2025 की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति घर लाकर उनकी विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है।
भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए शुभ दिशा
उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण):
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणपति बप्पा की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ होता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है और घर में सुख-शांति लाती है।
इस दिशा में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से परिवार के सभी सदस्यों को उनकी कृपा प्राप्त होती है, और घर में समृद्धि का वास होता है।
दक्षिण दिशा में मूर्ति रखने से बचें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में गणेश जी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता और घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
गणेश जी की मूर्ति का चयन कैसे करें?
ललितासन में बैठे हुए गणेश जी:
भगवान गणेश की ऐसी प्रतिमा शुभ मानी जाती है जिसमें वे ललितासन (आराम से बैठे हुए) मुद्रा में हों। यह मुद्रा शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
ध्यान मुद्रा:
ध्यान की मुद्रा में गणपति बप्पा की मूर्ति भी घर में सुख-समृद्धि लाने वाली मानी जाती है।
मूर्ति स्थापित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
सफाई का ध्यान रखें:
मूर्ति के आसपास का स्थान हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए।
गंदगी वाली जगह पर देवी-देवताओं का वास नहीं होता।
कूड़ेदान और शौचालय से दूरी:
मूर्ति के पास कूड़ेदान या शौचालय नहीं होना चाहिए। इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।
मंदिर का स्थान:
भगवान गणेश की मूर्ति को मंदिर में स्थापित करें और ध्यान रखें कि मंदिर घर के मुख्य दरवाजे के सामने न हो।
गणेश जी की पूजा के लाभ
विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी पूजा से जीवन की बाधाएं समाप्त होती हैं।
सकारात्मक ऊर्जा: सही दिशा में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
समृद्धि और शांति: भगवान गणेश की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में शांति बनी रहती है।
विशेष: नए साल के शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें, और उन्हें लड्डू या मोदक का भोग अर्पित करें। इससे बप्पा प्रसन्न होते हैं और घर को आशीर्वाद देते हैं।