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07-Jan-2022 08:54 PM
PATNA : बिहार में जातीय जनगणना का मसला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया कह चुके हैं कि बीजेपी जातीय जनगणना के मसले पर सर्वदलीय बैठक में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है तो वहीं आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह नीतीश कुमार को यह ऑफर तक के दे चुके हैं कि जातीय जनगणना के सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल उनके साथ खड़ा है, डरने की कोई जरूरत नहीं है। इन तमाम सियासी बयानों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना के मसले पर केवल नौटंकी कर रहे हैं। सर्वदलीय बैठक के नाम पर चीजों को उलझाया जा रहा है। इतना ही नहीं तेजस्वी ने यह भी कह दिया है कि नीतीश जी में उनका समर्थन लेने का साहस नहीं है क्योंकि इसके लिए कलेजा चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश सरकार की ढुलमुल नीति पर नाराजगी जताई है। एक हिंदी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के एजेंडे में कभी जातीय जनगणना था ही नहीं। जातीय जनगणना की मांग सबसे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने की थी। लालू यादव और राष्ट्रीय जनता दल के दबाव में ही बिहार विधानसभा से जातीय जनगणना के लिए प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव का सभी दलों ने समर्थन किया था चाहे बीजेपी ही क्यों ना हो। लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने जब स्पष्ट कर दिया कि जातीय जनगणना नहीं कराई जाएगी तो राज्य सरकार को इसके लिए पहल करनी चाहिए थी। नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की बात कही। देखा जाए तो इसकी कोई जरूरत नहीं क्योंकि बिहार में सभी राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना वाले प्रस्ताव का विधानसभा में समर्थन कर रखा है। हकीकत यह है कि नीतीश कुमार इस मामले को लटकाए रखना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव राजनीतिक कर सकते हैं? क्या नीतीश कुमार अगर उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करते हैं तो वह नीतीश के साथ जाएंगे? तेजस्वी यादव ने कहा कि इस सब के लिए कलेजा चाहिए। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार कुर्सी के चक्कर में अपना ईमान बेच चुके हैं। अब इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। नीतीश कुमार उनके साथ आएंगे तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब बातें पता नहीं कहां से आ रही हैं। वह पचासों दफे इस बात को कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के साथ आने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता कि नीतीश जी के पास कलेजा नहीं बचा है वह कोई फैसला कर ही नहीं सकते।