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05-Dec-2022 09:10 AM
PATNA : बिहार की राजधानी पटना में राज्य के कई जिलों के विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद अधिकतर विधार्थी 12 वीं की पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने राजधानी पटना आते हैं। इसको लेकर एक अनुमान के मुताबिक पटना में कम से कम 4000 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हो रही है। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है इनमें से मात्र 400 कोचिंग सेंटर ही ऐसे हैं, जिनका सरकारी बही-खाते में नाम दर्ज है। ऐसे में अब इन कोचिंग सेंटर को लेकर वाणिजय कर विभाग शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, वाणिजय कर विभाग ने यह फैसला किया है कि, कर नहीं देने वाले कोचिंग सेंटरों ऊपर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने कहा है यदि ये संस्था कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो जल्द से जल्द जीएसटी पंजीयन करवा कर टैक्स देना शुरू कर दें। इसके साथ ही यदि कोई कोचिंग सेंटर यह सोच कर जीएसटी पंजीयन नहीं करवा रहे हैं कि उनकी टैक्स देयता नहीं बनती है तो वाणिजय कर विभाग टैक्स नहीं देने वाले कोचिंग सेंटर का सर्वें कर निरीक्षण करने की रणनीति बना रही है। इसके लिए विभाग पहले शिक्षा विभाग से पंजीयन करवा चुके कोचिंग सेंटर का निरीक्षण करेगा, उसके बाद बिना पंजीयन करवाए चला रहे कोचिंग चला रहे संस्था पर।
इसको लेकर वाणिजय कर विभाग के तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार विभाग संस्थानों के डेटाबेस का विश्लेषण करने के लिए बिजनेस व आटीफिशियल इंटेलीजेंस जैसे तकनीक का भी उपयोग कर रहा है। मालूम हो कि, इससे पहले भी विभाग द्वारा 23 नवंबर को राजधानी पटना समेत राज्य के 27 जिलों के 32 कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण किया गया था।
गौरतलब हो कि, राजधानी पटना में एक बार में लगभग 7,000 से 8,000 छात्र नामांकित होते हैं। अगर प्रत्येक छात्र चुने गये विषयों की संख्या के आधार पर 500- 1,000 रुपये प्रति माह तक का भी भुगतान करता है, तो भी कोचिंग सेंटर फीस के रूप में प्रति माह 35 से 80 लाख रुपये के बीच पैसा बना सकते है। जिला शिक्षा हार में पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि लगभग 400 कोचिंग रजिस्टर्ड हैं। हालांकि, काफी आवेदन भी पेंडिंग हैं। कुछ कोचिंगों को मान्यता देने के लिए जांच प्रक्रिया भी जल्द शुरू करायी जा रही है। अगली बैठक में जो सही पाये जायेंगे, उन्हें रजिस्ट्रेशन नंबर दे दिया जायेगा।