ब्रेकिंग न्यूज़

MOTIHARI: शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, बेटी की निकाह के लिए रखे पैसे और गहने जलकर राख police raid : घर में जिस्मफरोशी का भंडाफोड़, पुलिस ने पति-पत्नी समेत 5 को किया गिरफ्तार; जानिए कैसे सच आया सामने मोहनिया NH-19 पर बड़ा हादसा टला, सीमेंट लदा ट्रक डिवाइडर पार कर दूसरी लेन में फंसा government job joining rules : ऑफर लेटर लेने के बाद जॉइन न करने पर सरकारी नियम क्या कहते हैं, समझिए क्या है सरकार का नियम Bihar News: बिहार सरकार ने केंद्र को भेजा ऐसा प्रस्ताव, लागू हुआ तो शून्य हो जाएगा बिजली बिल Bihar News: बिहार सरकार ने केंद्र को भेजा ऐसा प्रस्ताव, लागू हुआ तो शून्य हो जाएगा बिजली बिल Avatar 3: अवतार इतने बॉक्स ऑफिस पर किया धमाका, दूसरे दिन ही बजट का आधा पार Inter Caste Marriage Scheme: इंटरकास्ट मैरिज पर सरकार दे रही है इतने लाख रुपए, जानिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया Bihar Teacher Leave Rules : बिहार के स्कूलों में बदले छुट्टी के नियम, छुट्टी की मनमानी पर लगेगा ब्रेक; नई लीव पॉलिसी से होगी सख्ती Bihar School Education: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में होने जा रहा बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों में जल्द शुरू होगा यह पाठ्यक्रम

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का बड़ा फैसला, तलाक के लिए अब 6 महीने का इंतजार जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का बड़ा फैसला, तलाक के लिए अब 6 महीने का इंतजार जरूरी नहीं

01-May-2023 12:04 PM

By First Bihar

DELHI: तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पास किसी शादी को सीधे रद्द करार देने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पति-पत्नी के रिश्तों में सुधार की गुंजाइस नहीं बची है तो दंपति को तलाक के लिए छह महीने के इंतजार की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थित में सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है।


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष यह सवाल आया था कि शीर्ष अदालत को किसी शादी को सीधे रद्द करार देने का अधिकार है या उसे निचली अदालत के फैसले के बाद ही अपील सुननी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले को लेकर 29 सितंबर, 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसपर अब संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया है। 


सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों के इस्तेमाल को लेकर यह फैसला सुनाया है। इस अनुच्छेद के तहत सुप्रीम कोर्ट सीधे तलाक का आदेश दे सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट की नई व्यवस्था के मुताबिक, आपसी सहमति से तलाक के लिए निर्धारित 6 माह के प्रतीक्षा अवधि की जरूरत नहीं है।