BIHAR: राम के बाद अब सीता की बारी: 8 अगस्त को सीता जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का शिलान्यास करेंगे अमित शाह बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़, सॉल्वर-ऑपरेटर समेत तीन गिरफ्तार Patna News: पटना में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ रेटिना कॉन्क्लेव, आंखों की बीमारियों पर हुई व्यापक चर्चा Patna News: पटना में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ रेटिना कॉन्क्लेव, आंखों की बीमारियों पर हुई व्यापक चर्चा Bihar News: बिहार के 6 छोटे एयरपोर्ट को मिलेगा नया जीवन, उड़ान योजना के तहत केंद्र सरकार ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार के 6 छोटे एयरपोर्ट को मिलेगा नया जीवन, उड़ान योजना के तहत केंद्र सरकार ने बनाया बड़ा प्लान Patna News: पटना में अजब प्रेम की गजब कहानी, गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचे BPSC शिक्षक की लोगों ने मंदिर में कराई शादी Patna News: पटना में अजब प्रेम की गजब कहानी, गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचे BPSC शिक्षक की लोगों ने मंदिर में कराई शादी Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा ने दीनबंधी में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, लोगों से लिया फीडबैक Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा ने दीनबंधी में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, लोगों से लिया फीडबैक
18-Dec-2024 11:25 PM
By First Bihar
सनातन धर्म में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का अत्यधिक महत्व है। इनकी उपासना से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि वैवाहिक संबंधों में भी दृढ़ता आती है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मणिकरण शिव मंदिर (Manikaran Shiv Temple) विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर पार्वती घाटी में, व्यास और पार्वती नदियों के संगम पर स्थित है। इस स्थान की धार्मिक महिमा भी अत्यधिक प्रसिद्ध है, और यहां सच्चे मन से पूजा करने से जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
मणिकरण शिव मंदिर का पौराणिक महत्व
मणिकरण शिव मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक दिलचस्प पौराणिक कथा है, जो इस स्थल को और भी अद्भुत बनाती है। कथानुसार, प्राचीन समय में जब मां पार्वती नदी में क्रीड़ा कर रही थीं, तो उनकी कान की बाली गिरकर नदी में बह गई। भगवान शिव ने बाली को ढूंढने के लिए अपने गणों को भेजा, लेकिन वह जलधारा में बहकर पाताल लोक तक पहुँच गई। महादेव ने क्रोधित होकर अपनी तीसरी आंख खोली, जिससे नदी का पानी उबलने लगा। इस क्रोध के कारण नदियों का पानी उबालने लगा और वातावरण में हलचल मच गई।
वहीं, नैना देवी अवतरित हुईं और उन्होंने शेषनाग से भगवान शिव को बाली दिलवाने की प्रार्थना की। शेषनाग ने बली दी और धरती पर मणियों की वर्षा की, जिससे मां पार्वती को अपनी खोई हुई बाली मिल गई। इसी कारण यह स्थान 'कर्णफूल' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस स्थान का धार्मिक महत्व इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि यह वही स्थल था जहाँ महादेव ने अपनी तीसरी आंख खोलने के बाद शेषनाग से बाली प्राप्त की थी।
मणिकरण में स्नान के लाभ
मणिकरण शिव मंदिर और उसके आसपास के जल स्रोतों के बारे में मान्यता है कि जो भी इस पवित्र नदी में स्नान करता है, उसे त्वचा संबंधी सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। यहां स्नान करने से शरीर की सफाई के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती है, और भक्तों को संतान सुख एवं स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है। यह स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं।
मणिकरण गुरुद्वारा का महत्व
मणिकरण में एक और धार्मिक स्थल है, जो सिख धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। मणिकरण गुरुद्वारा सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी की यात्रा की याद में बनाया गया था। यह गुरुद्वारा हिन्दू और सिख धर्म के अनुयायियों के लिए समान रूप से श्रद्धा का केंद्र है।
मंदिर का स्थान और यात्रा
मणिकरण शिव मंदिर पार्वती घाटी में स्थित है, जहां से पार्वती नदी बहती है और इस नदी के दोनों किनारे पर मंदिर और गुरुद्वारा स्थित हैं। इस स्थान पर आने से न केवल शारीरिक लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक शांति और ईश्वर के दर्शन से आत्मिक सुख भी मिलता है। यह स्थल एक अद्भुत धार्मिक संगम है, जो भारतीय संस्कृति और विविधता की सुंदरता को दर्शाता है।
मणिकरण शिव मंदिर एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जहां भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। इसके साथ ही मणिकरण गुरुद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां आने वाले श्रद्धालु शांति और भक्ति का अनुभव करते हैं और भगवान शिव और गुरु नानक देव जी की कृपा प्राप्त करते हैं। अगर आप भी इस स्थान की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं, तो यहां की दिव्यता और शांति से आप भी लाभान्वित हो सकते हैं।