ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: कुल्हाड़ी से गर्दन काट कर शख्स की बेरहमी से हत्या, गंगा किनारे शव मिलने से सनसनी Indian air strike defence: पहले ड्रोन हमले नाकाम किए, फिर पाकिस्तान को दी करारी जबाब! सेना ने दी जानकारी Bihar Crime News: फायरिंग के बाद बाल-बाल बचे राजद नेता, अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस Bihar crime: ऑर्केस्ट्रा डांसर पर हमला, आत्मरक्षा में चाकू से तीन युवकों पर किया वार Siddhivinayak temple : सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल-प्रसाद बैन! आतंकी खतरे के बीच बड़ा फैसला India Pakistan War: भारत की सैन्य ताकत के आगे कब तक टिक पाएगा पाकिस्तान? पाक के रिटायर्ड अधिकारी ने खुद खोली पोल Bihar News: CM आवास के बाहर एक्सीडेंट से मची अफरा-तफरी, चालक फरार Exam Adjourned: 14 जिलों में स्थगित की गई यह परीक्षा, भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा फैसला AI voice payment: बोलो और पेमेंट करो – AI रखेगा अब फ्रॉड पर नज़र Platform shed collapse Jehanabad जहानाबाद में रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों पर गिरा लिंडो शेड, 4 घायल, एक की हालत गंभीर

STET परीक्षा में क्वेश्चन पेपर लीक का मामला, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

STET परीक्षा में क्वेश्चन पेपर लीक का मामला, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

04-Sep-2020 06:37 PM

PATNA :  पटना हाई कोर्ट ने वर्ष 2019 की राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी एसटीईटी को गत 16 मई को रद्द किए जाने के विरुद्ध दायर हुई रिट याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने पंकज कुमार सिंह और कुमार आलोक की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखने का आदेश दिया.


विदित हो कि उक्त परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायत राज्य के पांच अलग - अलग जिलों से मिली थी. परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की शिकायत किये जाने के मद्देनजर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जाँच पड़ताल करने के बाद पूरे परीक्षा को रद्द कर दिया था. राज्य परीक्षा समिति के इसी निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि महज पांच जिलों में परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने के आधार पर पूरे राज्य के एसटीइटी को रद्द करना अनुचित और मनमानापन रवैया है.


वहीं परीक्षा समिति ने आरोप का खंडन करते हुए कहा गड़बड़ी काफी गंभीर थी. प्रश्नपत्र लीक हुए थे, इसलिए ऐसी गड़बड़ियों से पूरे परीक्षा की पवित्रता और उसके संचालन पर ही सवालिया निशान खड़ा हो जाता है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय एडवोकेट यदुवंश गिरी व सत्यव्रत वर्मा ने बहस  में भाग लिया. वही बोर्ड का पक्ष वरीय अधिवक्ता ललित किशोर और अधिवक्ता ज्ञान शंकर ने रखा.