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08-Oct-2022 11:48 AM
JAMUI : भागलपुर के चर्चित सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इस मामले में सीबीआई की टीम ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम आईएएस वीरेंद्र यादव के जमुई स्थित पैतृक आवास पहुंचकर लोगों से पूछताछ की है। सीबीआई की टीम ने आईएएस वीरेंद्र यादव के पैतृक गांव लछुआड़ थाना क्षेत्र के भूल्लो में करीब 20 मिनट तक ग्रामीणों और वीरेंद्र यादव की संपत्ति के केयरटेकर गोस्वामी से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन की संख्या में सीबीआइ के अधिकारी चार बजे के करीब भूल्लो गांव पहुंचे थे।
टीम में शामिल अधिकारियों ने IAS डॉ. वीरेंद्र यादव की संपत्ति की जानकारी ली। इसके साथ ही उनके गांव आने जाने का भी ब्यौरा लिया। वीरेंद्र यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर दो चेक के माध्यम से करोड़ों रुपये का गबन किया था। स्पेशल कोर्ट ने धारा 205 के तहत 30 मई को दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। सीबीआइ ने पाया है कि आइएएस वीरेंद्र यादव ने करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का स्थानांतरण सृजन संस्था के खाते में किया था।
तत्कालीन डीएम वीरेंद्र कुमार यादव 14 जुलाई 2014 से 18 अगस्त 2015 तक भागलपुर के डीएम रहे थे। नजारत शाखा के 21 करोड़ 95 लाख से अधिक रुपये सृजन के खाते में डायवर्ट करने के मामले में वीरेंद्र यादव पर CBI ने चार्जशीट दाखिल किया है। जिन दो चेक के माध्यम से करोड़ों रुपए की राशि ट्रांसफर की गई थी, उसपर वीरेंद्र यादव के हस्ताक्षर मिले थे। हस्ताक्षर को जांच के लिए हैदराबाद स्थित सीएफएसएल को भेजा गया था, जहां से यह पुष्टि हुई थी कि उन दोनों चेकों पर वीरेंद्र यादव ने ही हस्ताक्षर किया था।