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30-Jun-2022 09:43 PM
By Tahsin Ali
DESK: सीमांचल में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। पूर्णिया के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है तो वही अररिया में डायवर्सन पर दो फीट पानी चढ़ गया है। जिससे लोगों के आवागमन में दिक्कत हो रही है। लोग इन क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर राहत दिए जाने और कम्युनिटी किचन शुरू कराने की अपील सरकार से कर रहे हैं।
सबसे पहले हम पूर्णिया का हाल जानने हैं। पूर्णिया के अमौर में कनकई नदी के बढ़ते जलस्तर के साथ ही गांवों में पानी घुस चुका है। कई लोग अब भी घरों में फंसे हुए है। तो कई लोग गांव से बाहर पुल पर शरण ले रहे हैं। लोगों के सामने अब खाने पीने की आफत आ गयी है। यहां रहने वाले लोगों के चूल्हे पर भी खतरा मंडराने लगा है। 24 घंटे में इस गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला है।
खासकर कनकई नदी के उफान से प्रभावित नागरा टोली, सिमलवारी टोला, बाभनडोभ, ज्ञानडोभ, हरिपुर, खारीमहीन गांव, हफनिया, तालबारी, चौका डहुआबाड़ी, तालबारी महादिलत टोला, सुरजापुर जैसे दर्जन गांव में सभी के घरों में पानी घुस जाने से लोगों में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। कुछ लोग पैठान टोली पुल मे शरण लिए हुए है। लोगों के घरों में पानी घुस जाने के कारण विगत 24 घंटे से खाना नहीं बना है। जिससे लोगों को समस्या हो गई है।
इधर प्रशासन की ओर से अबतक कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण बीती रात से ही सिमलवारी नगरा टोली मे चार परिवार आज भी बीच पानी में फंसा है । ना एनडीआरफ टीम , और ना ही एसडिआरफ की टीम ही है। अमौर से ज्ञानडोभ जाने वाली सड़क के ऊपर तीन फिट पानी बह रहा है। वही गांव जाने वाली मुख्यमंत्री सड़क के ऊपर से पानी बहने के कारण प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क भंग हो गया।
जिससे लोगो का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। पीने के पानी मे भी संकट आ गया है, लोग बाढ का गंदा पीने के लिए मजबूर हो सकते हैं। लोगों की मांग है कि लोगों के लिए कम्युनिटी किचन चलाना बहुत जरुरी है। सभी जगह जलमग्न हो गया है। जिससे खाने खाने के लिए लोग मोहताज है। इधर परेशान हाल क्षेत्र का जायज़ा लेने पहुंचे अमौर के पूर्व विधायक सबा ने अंचलाधिकारी से संपर्क कर अविलंब राहत सामग्री मुहैया करने की बात कही है।
लोग 24 घंटे से भूखे प्यासे हैं, बच्चे लेकर बिलख रहे हैं । और प्रशासन की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों में आक्रोश भी काफी है। मुख्यमंत्री से अविलंब अमौर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर राहत सामग्री मुहैया कराने की मांग की है।
अब बात अररिया की करते हैं जहां बाढ़ विकराल रूप लेता जा रहा है। जोकीहाट में लगातार दो दिनों से बारिश हो रही है। जिसके कारण नदियों में हुए उफान से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। एनएच 327 ई पर बोरिया डायवर्सन पर दो फिट पानी का बहाव हो रहा है। जिस से बड़ी वाहनों का परिचालन ठप पड़ गया है।
बकरा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है जिससे कारण पानी निचले इलाकों में प्रवेश कर रही है। इलाके की कई सड़के पानी में डूब गयी है। सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है। इन सड़कों पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। जबकि बैरगाछी से उदाहाट को जोड़ने वाली सड़क धोबकट्टा बांध तुरकेली ध्वस्त हो गयी है। जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। फैटकी से बगडहरा को जोड़ने वाली सड़क का भी अमूमन यही हाल है।