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28-Nov-2023 02:10 PM
By First Bihar
DESK: उत्तरकाशी से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है किसी भी वक्त रेस्क्यू पूरा हो चुका है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को किसी भी वक्त निकाला जा सकता है। मौके पर 41 एम्बुलेंस पर मौजूद है। सुरंग के अंदर पीछे की तरफ से एम्बुलेंस को ले जाया गया है।
सुरंग के अंदर ड्रेलिंग का काम पूरा हो चुका है किसी भी वक्त 41 मजदूरों को निकाला जा सकता है। बता दें कि 41 मजदूर 16 दिन से सुरंग में फंसे हुए है। जिन्हें निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की जा रही है। रस्सी और सीढी को सुरंग के अंदर ले जाया गया है।
मौके पर एम्बुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भी उत्तरकाशी टनल में गई है। किसी भी वक्त सभी मजदूर सुरंग से बाहर आ सकते हैं। मजदूरों के बहुत पास रेस्क्यू टीम पहुंच चुकी है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक के बाद एक एम्बुलेंस को टनल के भीतर ले जाया जा रहा है।
सुरंग से मजदूरों को बाहर निकलते ही एम्बुलेंस के जरीये उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग के पास पहुंच चुके हैं। एक एक चीज की जानकारी ले रहे हैं। वही मौके पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी मौजूद हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा कर लिया गया है जल्द ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।
गौरतलब है कि बीते 12 नवंबर को कई मजदूर टनल के काम में लगे थे। तभी सुबह के साढ़े पांच बजे अचानक भूस्खलन होने से निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया। इस दौरान कई मजदूर तो किसी तरह बाहर निकल गये लेकिन 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गये। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में खुदाई का काम पूरा होने में 17 दिन लग गये। मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए देशभर में पूजा-अर्चना की गयी और दुआएं मांगी गयी। लोगों की दुआएं भगवान ने सुन ली है अब मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो गया है। कुछ ही समय में सारे मजदूर सुरंग से बाहर निकलेंगे।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर फंसे हैं। वही उत्तर प्रदेश के 8, बिहार के 5, ओडिशा के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश के 1 मजदूर शामिल हैं। झारखंड के मजदूरों की पहचान गणपति, विजय होरो, चमरा उरांव, मुदतू मुर्मू, महादेव, समीर, रविन्द्र, रणजीत, गुनोधर, टिंकू सरदार, सुकराम, श्राजेद बेदिया, अनिल बेदिया, सुबोध कुमार और विश्वजीत कुमार के रूप में हुई है।
वही बिहार के मजदूरों की पहचान सबाह अहमद, सोनू शाह,वीरेंद्र किसकू, सुशील कुमार और दीपक कुमार के तौर पर हुई है। वही ओडिशा के मजदूरों की पहचान विशेषर नायक, राजू नायक, धीरेन, भगवान बन्ना और सपन मंडल जबकि उत्तर प्रदेश के मजदूरों की पहचान अखिलेश कुमार, अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, जय प्रकाश, मंजीत के रूप में हुई है। उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी और राम सुंदर और पश्चिम बंगाल के मनिर तालुकदार, सेविक पखेरा, जयदेव परमानिक के रूप में पहचान हुई है।