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24-Apr-2021 08:29 PM
PATNA : बिहार में कोरोना के कहर से तकरीबन तीन दर्जन शिक्षकों की मौत के बाद माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार से गुहार लगायी है. शिक्षक संघ ने कहा है कि स्कूल में बच्चे नहीं आ रहे हैं फिर भी शिक्षकों को क्यों बुला रहे हैं. उनकी जान आफत में है. उन्हें 33 फीसदी उपस्थिति की बाध्यता से मुक्त कर दीजिये. दरअसल बिहार सरकार ने कोरोना को देखते हुए सरकारी स्कूलों में हर रोज 33 फीसदी शिक्षकों को आने को कहा है.
माध्यमिक शिक्षक संघ ने लिखा पत्र
बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव केदार नाथ पांडेय ने बिहार के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने ये आशंका जतायी है कि अगले तीन सप्ताह यानि 15 मई तक कोरोना का कहर औऱ तेज होगा. सरकार ने लोगों से कहा है कि वे अपने घरों में ही रहें, बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें. लेकिन सरकार ने ही निर्देश जारी किया है कि स्कूलों में 33 फीसदी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. सरकार अपने इस आदेश से शिक्षकों को मुक्त कर दे.
केदारनाथ पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में कम से कम 15 फीसदी ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं जिनका घर स्कूल से 100-150 किलोमीटर दूर है. घर दूर होने के कारण वे स्कूल वाले गांव या पड़ोस के गांव में रहते हैं. कोरोना फैलने के बाद कई गावों में बाहर के लोगों को रहने औऱ घुसने नहीं दिया जा रहा है.
महिला शिक्षकों को भारी परेशानी
माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि सरकार ने स्कूलों में कम से कम 35 फीसदी महिला शिक्षकों की नियुक्ति की है. महिला शिक्षक सार्वजनिक यातायात के जरिये स्कूलों में आती हैं. कोरोना के इस दौरान में बस, ऑटो से सफर करना बेहद खतरनाक हो गया है. सरकारी स्कूलों में कोई हॉस्टल या रहने की व्यवस्था भी नहीं है जहां टीचर रह सकें.
तीन दर्जन शिक्षकों की मौत
माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक बिहार में अब तक तकरीबन तीन दर्जन शिक्षकों की मौत हो गयी है. स्कूलों में आने वाले शिक्षक साथ में ही बैठ रहे हैं. किसी को मालूम नहीं कि कौन कोरोना पॉजिटिव है. ऐसे में कोरोना का प्रसार बढ़ता जा रहा है. माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने कोरोना का प्रसार रोकने और शिक्षकों की जान बचाने के लिए 15 मई तक शिक्षकों को स्कूल में आने की बाध्यता से मुक्त कर देने की गुहार लगायी है.