यूट्यूबर दिवाकर सहनी और उनके परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है वीआईपी: मुकेश सहनी यूट्यूबर दिवाकर सहनी और उनके परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है वीआईपी: मुकेश सहनी Bihar News: नेपाल में आंदोलन का इस जिले के बाजार पर तगड़ा असर, अब तक ₹150-200 करोड़ का नुक़सान Bihar Job Fair: बिहार के इस जिले में 22 सितंबर को जॉब कैंप का आयोजन, वेतन 17 हजार से शुरू Bihar News: बिहार के इस जिले में धर्मांतरण का खेल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से मचा बवाल; DM ने दिए जांच के आदेश Bihar News: बिहार के इस जिले में धर्मांतरण का खेल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से मचा बवाल; DM ने दिए जांच के आदेश Ara News: आरा के मेडिकॉन हॉस्पिटल में हेल्थ कैंप का आयोजन, पीएम मोदी के जन्मदिन पर महिलाओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हुई मुफ्त जांच Ara News: आरा के मेडिकॉन हॉस्पिटल में हेल्थ कैंप का आयोजन, पीएम मोदी के जन्मदिन पर महिलाओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हुई मुफ्त जांच EVM Candidate Photo : बिहार विधानसभा चुनाव से होगी नई शुरुआत, अब ईवीएम पर दिखेंगे उम्मीदवारों के रंगीन फोटो Patna Crime News: नीरज पांडेय मर्डर केस का पटना पुलिस ने किया खुलासा, अपने ही निकले कातिल
05-Nov-2021 07:56 AM
PATNA : अपना रूप-रंग बदलने की कवायद में लगी कांग्रेस शराब पीने वालों पर मेहरबानी दिखा सकती है. पार्टी के संविधान में ले लिखा है कि जो शराब पीयेंगे वे कांग्रेस के सदस्य नहीं बन पायेंगे. कांग्रेस नेतृत्व अपने इस संविधान में बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है. हम आपको बता दें कि कांग्रेस का संविधान 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. आजादी से पहले जब मोहनदास करमचंद गांधी बेलगाम में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गये थे, उसी वक्त कांग्रेस का संविधान लिखा गया था. पार्टी उसमें कुछ बदलाव करना चाह रही है.
शराब पीने वालों से परहेज नहीं
दरअसल कांग्रेस का संविधान जब लिखा गया था तब शराब पीना बड़ा सामाजिक अपराध माना जाता था. लिहाजा कांग्रेस के संविधान में ये उल्लेखित है कि जो शराब का सेवन करेंगे वे पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं बन पायेंगे. हालांकि ये पूरी तरह से अव्यवहारिक हो गया है. लेकिन फिर भी कांग्रेस में कागजी तौर पर .यही नियम लागू है. कांग्रेस नेतृत्व इस बात पर विचार कर रहा है कि शराब पीने पर कांग्रेस की सदस्यता नहीं मिलने की शर्त को समाप्त कर दिया जाये.
खादी बुनने पर ही कांग्रेस की सदस्यता का प्रावधान भी हटेगा
कांग्रेस के संविधान में एक औऱ दिलचस्प बात दर्ज है. इसमें ये उल्लेखित है कि जो खादी बुनेगा वही कांग्रेस का सदस्य होगा. पार्टी इस शर्त को भी हटाने पर विचार कर रही है. कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि कुछ दिनों पहले ही पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक में इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई थी. उसी बैठक में राहुल गांधी ने पूछा था कि पार्टी के पदाधिकारियों में ऐसे कितने लोग हैं जो खादी बुनना जानते हैं.
दरअसल कांग्रेस की उसी बैठक में इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बनी कि समय के साथ पुराने पड़ चुके नियमों को बदलने और कुछ नियमों को सख्त करने का समय आ गया है. पार्टी नेताओं के मुताबिक कांग्रेस के संविधान में संशोधन किया जायेगा. नए संविधान में शराब पीने से परहेज और खादी बुनने की अनिवार्यता के नियमों में छूट दी जा सकती है. हालांकि कांग्रेस पार्टी के भीतर अनुशासन पर सख्ती बरतेगी. पार्टी के नेताओं को अनुशासित रखने के नियमों को सख्त किया जा सकता है. पार्टी अपने सदस्यों पर ये बंदिश लगायेगी कि वे सार्वजनिक मंचों से कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी न करें.
कांग्रेस के सदस्य बनने के दिलचस्प नियम
100 साल पुराने पार्टी संविधान के मुताबिक कांग्रेस का सदस्य बनने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी है. कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए 18 वर्ष की उम्र होना अनिवार्य है. दूसरी शर्त ही यही है कि आपको प्रामाणिक खादी बुनना आना चाहिए. यानि अब प्रमाणित कर सकें कि खादी बुन सकते हैं. पार्टी का सदस्य बनने के लिए तीसरी शर्त यह है कि शराब या दूसरे मादक पेय से दूर रहेंगे, उनका सेवन नहीं करेंगे.
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि पदाधिकारियों की बैठक में मौजूद नेताओं में से 60 प्रतिशत से ज्यादा ने ये माना कि वे इन नियमों का पालन नहीं करते हैं. लिहाजा काफी देर तक विचार के बाद इस बात पर सहमति बनी कि पार्टी के संविधान में संशोधन किया जाये. संविधान में संशोधन के लिए एक कमेटी बनाने और सदस्यता के नियमों को व्यवहारिक बनाने पर भी सहमति बनी है.
वैसे कांग्रेस ने 2010 में ही पार्टी संविधान में संशोधन के लिए कमेटी बनायी थी. बुराडी में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में प्रणब मुखर्जी, अहमद पटेल और जनार्दन द्विवेदी की एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी को 3 साल में रिपोर्ट देनी थी. लेकिन कमेटी भंग हो गयी और सदस्यता के नियमों में परिवर्तन नहीं हो पाया. कांग्रेस का अधिवेशन फिर से 2022 में होने वाला है. इसमें संविधान संशोधन का प्रस्ताव लाया जायेगा और उसके पास होने के बाद उसे अमल में लाया जायेगा.
पार्टी में असमंजस की स्थिति
हालांकि शराब के नियमों को लेकर पार्टी में असमंजस की भी स्थिति है. पार्टी नेताओं के एक वर्ग का कहना है कि अगर शराब न पीने की शर्त हटा दी जाये तो बेमतलब एक नया मुद्दा खडा हो जायेगा और पार्टी का मजाक उडेगा. हालांकि तमाम नेता बदलाव के पक्ष में हैं लेकिन उन्हें डर है कि ये बदलाव आलोचना या मजाक का विषय न बन जाए.