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16-Nov-2021 08:48 AM
PATNA : बिहार में शराबबंदी है लेकिन फिर भी यहां जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत का मामला सामने आ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन मौतों के बाद 16 नवंबर यानी आज शराबबंदी की समीक्षा करने वाले हैं. सीएम की समीक्षा के पहले ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार पर हमलावर नज़र आये हैं.
तेजस्वी ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने शराबबंदी से जुड़े 15 ज्वलंत सवाल बिहार सरकार से पूछे हैं. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा- 'शराबबंदी पर माननीय मुख्यमंत्री जी से मेरे कुछ ज्वलंत सवाल हैं. आशा है आज की समीक्षा बैठक से पूर्व वो इनका उत्तर देंगे अन्यथा बैठक में इन पर विमर्श करेंगे. अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर यह विशुद्ध नौटंकी होगी.'
ये हैं तेजस्वी यादव के सवाल-
1. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बताए कि वो शराबबंदी पर आज कौन से नंबर की समीक्षा बैठक कर रहे है? क्या यह 1100वीं समीक्षा बैठक है?
2. विगत 6 वर्ष में शराबबंदी पर की गयी पूर्व की हज़ारों समीक्षा बैठकों का क्या परिणाम निकला? अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिले तो यह प्रशासन की नहीं, सरासर मुख्यमंत्री की घोर विफलता है?
3. मुख्यमंत्री शराबबंदी के नाम पर लाखों ग़रीबों-दलितों को जेल में डाल चुके है लेकिन वो बताएँ कि अब तक उन्होंने शराब की पूर्ति करने वाले कितने माफिया, कारोबारी, तस्करों और अधिकारियों को जेल भिजवाया है? अगर नहीं तो क्यों? क्या यह क़ानून गरीब पर ही लागू होता है?
4. नीतीश सरकार शराब माफिया के साथ मिलीभगत के चलते न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती जिससे एक-आध माफिया जो पकड़ाया जाता है उसे बरी होने में आसानी होती है। मुख्यमंत्री अगर शराबबंदी को लेकर गंभीर है तो वो बताएँ शराबबंदी के कितने मामलों में हारने के बाद बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है?
5. मुख्यमंत्री जी, बताएँ शराबबंदी के नाम पर आज तक कितने डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी बर्खास्त हुए है? क्या शीर्ष पुलिस अधिकारी शराबबंदी के प्रति जवाबदेह नहीं है?
6. मुख्यमंत्री जी, बताएँ शराबबंदी के नाम पर वो सिर्फ़ सिपाहियों को ही क्यों निलंबित करते है? निलंबित करने बाद उन्हीं 80% सिपाहियों को दुबारा बहाल क्यों करते है? अगर उन अधिकांश सिपाहियों की कोई गलती नहीं होती तो फिर आप उनके निलंबन का नाटक क्यों रचते है? क्या इसलिए कि शीर्ष अधिकारी बच जाए और सिपाहियों को निलंबित कर कुछ समय तक मामला ठंडा कर दिया जाए?
7. मुख्यमंत्री जी बताए, शपथ लेने वाले अधिकांश पुलिसकर्मी और जेडीयू नेता शराब क्यों पीते है?
8. मुख्यमंत्री जी अगर शराबबंदी की लेकर गंभीर है तो हमारे द्वारा सदन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद मंत्री रामसूरत राय और उनके भाई के ख़िलाफ कारवाई करने में आपके हाथ क्यों काँप गए? आप Biased और Selective Approach के साथ शराबबंदी करने की सोच भी कैसे सकते है?
9. हम शराबबंदी में सहयोग करते है, साक्ष्य प्रस्तुत करते है तो आप कारवाई करने की बजाय सदन में बैठे-बैठे मास्क के अंदर मुस्कुराते है। आपके लिए शराबबंदी नहीं कुर्सी महत्वपूर्ण है। है कि नहीं??
10. आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष के करीबी, जेडीयू के वरिष्ठ नेतागण, सीतामढ़ी के उपाध्यक्ष, नालंदा के प्रखंड अध्यक्ष, सहित श्याम बहादुर सिंह जैसे अनेक विधायकों और आपके करीबी नेताओं के हमने साक्ष्य और video आपके सामने रखे। जनता को प्रवचन देने से पूर्व आप यह बताए उनके विरुद्ध आपने क्या कारवाई की? कई ईमानदार अधिकारियों द्वारा आपके नेताओं के विरुद्ध कारवाई करने पर आपने उन अधिकारियों को ही हटा दिया। यही आपकी शराबबंदी को लेकर प्रतिबद्दता है।
11. मुख्यमंत्री जी, आप विपक्ष के किसी भी सकारात्मक फ़ीड्बैक, सुझाव और ज़मीनी हक़ीक़त को हमेशा राजनीतिक चश्मे से देखते है इसलिए हर बात में आपको राजनीति ही नज़र आती है। हमारी नहीं तो अहंकार त्याग कम से कम आपके वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय जीतनराम माँझी जी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक सांसद जो इसकी ख़ामियाँ गिनाते है, उन पर तो गौर कीजिए।
12. वह शराब माफिया जिसकी वजह से अनेक मौतें हो जाती है वह आपके बेडरूम तक कैसे पहुँचता है? उसके चुनाव जीतने पर आपकी पूरी पार्टी उसे बधाई देने पहुँचती है? यह संबंध क्या कहलाता है?
13. विगत 15 दिनों में विभिन्न जिलों में ज़हरीली शराब से हुई 65 मौतों का दोषी कौन है?
14. शराबबंदी के बावजूद प्रदेश की सीमा के अलावा 4-5 जिलों की सीमा पार कर करोड़ों लीटर शराब गंतव्य स्थल तक कैसे पहुँचती है? क्या आपके कथन अनुसार शासन-प्रशासन में सिवाय आपको छोड़ सब लोग ही गड़बड़” है?
15. अगर बिहार में कथित लाखों लीटर शराब ज़ब्त हुई है, तो वह प्रदेश के अंदर कब, कैसे और क्यों पहुँची? इसमें किसका दोष है? यह किसकी विफलता है? अगर सरकार में बैठे माफिया, तस्कर, सत्तारूढ़ नेता और अधिकारी बिहार में प्रति माह करोड़ों लीटर शराब की पूर्ति नहीं कराते तो क्या अदृश्य “सुशासनी भूत” यह सप्लाई करता-कराता है?
तेजस्वी ने कहा- 'मुख्यमंत्री जी, दिखावटी समीक्षा बैठक से पूर्व आपको गहन आत्म चिंतन, मनन और मंथन की ज़रूरत है. तब तक आप स्वयं की तथा खुलेमन से शासन- प्रशासन की ग़लतियाँ स्वीकार नहीं करेंगे तब तक ये बैठके एवं शराबबंदी अन्य दिनों की भाँति सामान्य रूप से चलती रहेगी और इनका कोई अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आएगा.'
आपको बता दें बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद हाल के दिनों में जहरीली शराब से लोगों की मौत और शराब माफिया की सक्रियता को देखते हुए सरकार पर सवाल खड़े हो रहे थे. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की खामियों पर समीक्षा करने वाले हैं. मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक आज होगी. नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले से पीछे नहीं हटने वाले, यह बात उन्होंने एक बार फिर से दोहरा दी है. लेकिन शराबबंदी कानून को सही तरीके से राज्य में कैसे लागू किया जाए इसके लिए आज वह बैठक करने वाले हैं.
शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो बैठक बुलाई है उसमें सरकार के सभी मंत्रियों, विभागों के आला अधिकारियों और डीएम-एसपी तक को बुलाया गया है. बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर क्या है कि कुछ लोगों को शराबबंदी पसंद नहीं आती. ऐसे लोग ही मेरे खिलाफ काम कर रहे हैं. बिहार में शराबबंदी लागू किए जाने के बाद जो बदलाव आया है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सीएम ने कहा कि आज ना केवल अपराध में कमी आई है बल्कि सड़क दुर्घटनाएं भी कम हो रही हैं. सड़क पर शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले कम आते हैं. देशभर में जो सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा है उसकी तुलना बिहार से करने पर हकीकत मालूम पड़ जाती है. सीएम नीतीश ने स्पष्ट किया है कि शराबबंदी को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए जो भी जरूरी कदम है वह उठाए जाएंगे. इतना ही नहीं जो लोग भी शराबबंदी को सफल बनाने में लगे हुए हैं उनके ऊपर एक्शन भी लिया जाएगा.
गौरतलब है कि शराबबंदी को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है. वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने भी इसकी समीक्षा की जरूरत बताई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को आइना दिखाना नहीं भूले. सोमवार को जनता दरबार कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर विपक्ष से कई सवाल पूछ डाले.
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से पूछा कि शराबबंदी बिहार में जब लागू की गई थी तो मजबूती के साथ सभी ने संकल्प लिया था. इस कानून को सर्वसम्मति से लागू किया गया था. अब अगर कोई इसका विरोध करता है तो यह ठीक नहीं है. शराबबंदी को लेकर आज होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री आखिर कौन से कड़े फैसले लेते हैं, इस पर सबकी नजर टिकी हुई है.