Madhya Nishedh Sipahi recruitment 2025: मद्य निषेध सिपाही भर्ती में इतने नए पद जुड़े, जानिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया Bihar politics : सांसद और विधायकों के कमीशन वसूली पर मंत्री ने साधी चुप्पी, राज्यसभा में सेट होगी मांझी की पार्टी ! BJP का समर्थन train attack Ara : आरा के पास सीमांचल एक्सप्रेस पर बदमाशों की फायरिंग और रोड़ेबाजी, ट्रेन 25 मिनट तक रुकी; जानिए फिर क्या हुआ Bihar Crime News: लॉज में छोटी सी बात पर हिंसक झड़प, चाकूबाजी में दो युवक की मौत; 3 गंभीर रुप से घायल Bihar Crime News: लॉज में छोटी सी बात पर हिंसक झड़प, चाकूबाजी में दो युवक की मौत; 3 गंभीर रुप से घायल Ayushman card Bihar: आयुष्मान भारत योजना में बिहार में कितने परिवार और वरिष्ठ नागरिक जुड़े? जानिए पूरी जानकारी Revenue Department Bihar : बिहार में जमीन विवाद का ऑन द स्पॉट फैसला! 15 दिन में सुधरेगी जमाबंदी, डिप्टी सीएम खुद लेंगे सीओ की क्लास Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे, आज प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं से करेंगे मुलाकात Bihar News: बिहार में अपराध नियंत्रण को मिलेगा मजबूती, नई एसयूवी, SP और DIG अधिकारी भी होंगे आधुनिक वाहनों से लैस Bihar News: शहर में ऑटो और ई-रिक्शा परिचालन में नई व्यवस्था, QR कोड से होगी चालक की पहचान; जानें पूरी डिटेल
22-Nov-2019 08:02 AM
PATNA : नीतीश सरकार की तरफ से साल 2016 में लागू किए गए शराबबंदी कानून के बाद से न्यायपालिका पर काम का बोझ बढ़ा है। पटना हाईकोर्ट शराबबंदी कानून के बाद न्यायपालिका पर बढ़े काम के दबाव को लेकर सुनवाई कर रहा है। पटना हाईकोर्ट ने अब इस मामले में राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर सवाल किया है।
पटना हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शराबबंदी से जुड़े कितने मामलों में अब तक उसने सुप्रीम कोर्ट मैं चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शराबबंदी कानून के तहत जिन लोगों पर कार्रवाई की गई उनमें से लाखों लोगों को जमानत मिल चुकी है लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कितने मामलों में सुप्रीम कोर्ट में उसकी तरफ से चुनौती दी गई।
राज्य की अदालतों में शराबबंदी से जुड़े केस के बढ़ते बोझ पर चिंता जताते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि वह इन मुकदमों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए कौन सा उपाय कर रही है। कोर्ट ने कहा कि चीफ सेक्रेटी 24 घंटे में बताएं कि मुकदमों के इस बोझ को कम करने के लिए सरकार क्या कर रही है, और कौन सी प्रणाली अपनाई गई है। कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादाद में जमानत याचिका दायर है, 90 फीसदी याचिकाकर्ताओं को बेल मिल चुकी है, जो ये दर्शाता है कि इस कानून के तहत बड़ी तादाद में निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है। हाईकोर्ट इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।