Bihar News: वेतन न मिलने पर कर्मी ने मैनेजर की बाइक चुराई, पुलिस ने किया गिरफ्तार Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, बिहार विधानसभा चुनाव का कर सकते हैं बहिष्कार; इसी महीने ले सकते हैं फैसला Tejashwi Yadav: “मेयर और उनके देवर के दो-दो ईपिक नंबर, गुजरात के BJP नेता भी बिहार के वोटर बने”, चुनाव आयोग पर तेजस्वी का हमला INDvsPAK: "हमारे जवान घर वापस नहीं आते और हम क्रिकेट खेलने जाते हैं", एशिया कप पर बड़ी बात बोल गए हरभजन सिंह; मीडिया को भी लपेटा Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव पर आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू
05-Dec-2019 01:32 PM
DELHI: आज के जमाने में जहां बुजुर्गों को बोझ समझा जाता है. बेटा-बेटी और परिवार के रहने के बावजूद उन्हें ओल्ड एज होम में रहने के लिए मजबूर किया जाता है. तो वहीं अब सरकार बुजुर्गों की सेवा के लिए नया कानून ला रही है. नये कानून के मुताबिक बुजुर्ग लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी सिर्फ बेटा-बेटी की ही नहीं बल्कि बहू और दामाद की भी होगी. यह जिम्मेदारी गोद लिए हुए या सौतेले बच्चों पर भी समान रूप से लागू होगी.
केंद्र की मोदी सरकार देश में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से जुड़़ा बिल संसद में लाने जा रही है. कैबिनेट ने मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन अमेंडमेट बिल 2019 को मंजूरी दे दी गई है और अब जल्द ही बिल संसद में पेश किया जाएगा. यह बिल वरिष्ठ नागरिकों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगा.
इस बिल में कहा गया है कि बुजुर्गों की देखभाल का जिम्मा सिर्फ उनको बच्चों पर नहीं होगा बल्कि बेटा-बेटी, नाती-नातिन और पोता-पोती भी देखभाल के लिए कानून तौर पर बाध्य होंगे. वरिष्ठ नागरिकों और परिजनों के कल्याण से जुड़े 2007 के बिल में भी यह संशोधन किया जा रहा है. इसके मुताबिक परिवार में बच्चे अब सिर्फ अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि सास-ससुर की देखभाल के लिए भी जिम्मेदार होंगे, भले ही वह वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में नहीं आते हों. वहीं इस कानून का उल्लंघन करने वालों की जेल की सजा तीन महीने से बढ़ाकर छह महीने कर दी गयी है.