Gandak River Bridge: बिहार से यूपी अब कुछ मिनटों में! 4000 करोड़ का पुल बदल देगा सफर की तस्वीर! Terrorist To President: कैसे मोस्ट वांटेड आतंकी बन गया एक देश का राष्ट्रपति, कभी सिर पर था 85 करोड़ का इनाम Bihar Assembly Election 2025: पटना में चुनाव आयोग की हाईलेवल मीटिंग....इन दो जिलों का दौरा करेगी टीम Bihar Crime News: मुजफ्फरपुर में हत्याओं का सिलसिला जारी, एक और कांड के बाद NH-28 जाम Career growth: ऑफिस में चाहिए प्रमोशन? ये बातें आज ही अपनाइए वरना पछताएंगे! Bihar News: बिजली विभाग में मचा बवाल, 'महाप्रबंधक' ने सीनियर पर आरोप लगाकर दिया इस्तीफा, वजह क्या है... Junior Engineer Missing: पथ निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर लापता, डिप्रेशन का थे शिकार Bihar Pink Bus for women: बिहार की महिलाओं को बड़ा तोहफा, पटना समेत पूरे बिहार में पिंक बस सेवा शुरू! Air Conditioner: गर्मी से बेहाल बिहार! एयर कंडीशनर की मांग में रिकॉर्ड तोड़ उछाल! Bihar Crime News: नवविवाहिता की मौत के बाद अँधेरे में दाह संस्कार कर रहे थे ससुराल वाले, पुलिस को देख हुए फरार
20-Dec-2021 03:55 PM
PATNA: पिछले महीने की ही बात है जब नीतीश कुमार ने सरकारी कार्यक्रम में खुले मंच से बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पी.के. अग्रवाल को धमकाया था. पीके अग्रवाल ने बयान दे दिया था कि बिहार में शराबबंदी के कारण कारोबार बहुत प्रभावित हो रहा है लिहाजा सरकार गुजरात की तर्ज पर कुछ छूट दे. नीतीश कुमार ने भरे मंच से अपने अधिकारियों को कहा था-जो ये बयान दे रहे हैं उन्हें जरा दिखवाइये. लेकिन आज मीडिया ने जब नीतीश कुमार से ये पूछा कि जीतन राम मांझी खुलेआम लोगों को शराब पीने की सलाह दे रहे हैं तो बिहार के मुख्यमंत्री की जुबान से कार्रवाई जैसा कोई शब्द नहीं निकला. सवाल ये उठ रहा है कि आखिरकार शराब के मामलों में नीतीश कुमार का स्टैंड सभी लोगों के लिए एक जैसा क्यों नहीं है?
मांझी पर नीतीश कैसे पलट गये
दरअसल जीतन राम मांझी ने लगातार दो दिन अपने भाषण में गरीबों को रात में 10 बजे के बाद घर में बैठकर शराब पीने की सलाह दी. मांझी ने कहा था कि गरीब लोग रात में शराब पीकर सो जायें और फिर सुबह फ्रेश होकर काम पर निकल जायें. हम आपको बता दें कि नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून में शराब पीने की बात कहने वाला भी गुनाहगार है.
आज मीडिया ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि मांझी लोगों को शराब पीने की सलाह दे रहे हैं, वे क्या कर रहे हैं. नीतीश कुमार कानूनी कार्रवाई की बात ही भूल गये. नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग ऐसा बोल रहे हैं उन्हें याद होना चाहिये कि उन्होंने शराब को लेकर कसम खायी है. एनडीए विधायक दल की बैठक में भी उन्होंने हाथ उठाकर शराबबंदी के अभियान का समर्थन किया था. इसकी तस्वीर भी है. इसलिए उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिये.
अपनी ही बात भूल गये नीतीश?
अब हम आपको 25 दिन पहले बिहार सरकार के मद्यनिषेध दिवस की याद दिला दें. नीतीश कुमार ने बड़ा सरकारी कार्यक्रम कर सरकारी कर्मचारियों औऱ अधिकारियों को शराब नहीं पीने औऱ पिलाने की कसम खिलवायी थी. उसी सरकारी मंच से उन्होंने कहा कि अगर कोई शराबबंदी के खिलाफ बयान भी देगा तो सरकार उस पर कानूनी कार्रवाई करेगी. बिहार के मुख्यमंत्री ने खुले मंच से बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पी के अग्रवाल को हड़काया था. दरअसल पीके अग्रवाल ने बयान दिया था कि शराब पर रोक के कारण कोई भी राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन या कार्यक्रम बिहार में नही हो रहा है. ऐसे में कारोबार बहुत प्रभावित हो रहा है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने बिहार सरकार को शराबबंदी का गुजरात मॉडल लागू करने की सलाह दी थी. गुजरात में शराबबंदी है लेकिन बड़े राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में शराब की अनुमति दी जाती है. लेकिन नीतीश कुमार ने खुले मंच से अपने अधिकारियों को चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष की ही जांच कराने का फरमान सुना दिया था.
लेकिन अपनी ही बात नीतीश कुमार जीतन राम मांझी के लिए क्यों भूल गये. जीतन राम मांझी को बिहार के लोगों को खुलेआम शराब पीने की सलाह दे रहे हैं. इसके बावजूद न कानूनी कार्रवाई हो रही है औऱ ना नीतीश कुमार मांझी की पार्टी से अपना नाता तोड रहे हैं. दरअसल मामला कुर्सी का है. नीतीश कुमार जानते हैं कि मांझी अगर उनका साथ छोड़ कर गये तो फिर कुर्सी जाने का भी पूरा मामला बन जायेगा. लिहाजा सुर बदल गये हैं. तभी उन्हें कसम की याद दिलायी जा रही है.