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02-Oct-2023 02:42 PM
By First Bihar
PATNA : हमारा समर्थन था। आज जो रिपोर्ट आई है उसका हम अध्यन करेंगे।ये किस नियम के तहत किया गया है और उसके बाद ही इस बार कुछ बोलना उचित होगा। यह बातें बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कही है।
सम्राट ने कहा कि - आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण रिपोर्ट नहीं जारी किया गया। ये भी जारी किया जाना चाहिए था। जब आपने जातीय जनगणना किया तो यह तय हुआ था कि किसका विकास हुआ किसका नहीं सबकुछ जारी किया जाना चाहिए। लेकिन इसके बाबजूद कुछ नहीं किए हैं।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि- जनगणना क्या रिपोर्ट है यह देख कर बताएंगे। सवाल है कि ओबीसी की बात करने वाले अपनी राजनीति को परिवारवाद से आगे निकालेंगे क्या ? इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी उसके बाद सोनिया गांधी फिर राहुल गांधी। बिहार में लालू के बाद राबड़ी और अब तेजस्वी यही तो इनका फार्मूला है।
दरअसल, राज्य में जातीय गणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों की सूचीकरण, मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था। लोगों से डेटा जुटाए गए। दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए।
आपको बताते चलें कि, अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था।