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03-Feb-2021 07:55 PM
PATNA : पटना के बहुचर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड में आज पुलिस ने जो कहानी सुनायी उस पर न सिर्फ मृतक के परिजन बल्कि रूपेश को जानने वालों को भी भरोसा नहीं हो रहा है. रूपेश के परिजनों ने पुलिस की कहानी को सिरे से खारिज कर दिया है. रूपेश की पत्नी कह रही हैं कि किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है. वैसे भी पुलिस ने जो कहानी सुनायी है उसमें छेद ही छेद है.
बिंदूवार जानिये पुलिस की कहानी और क्या है उसमें झोल
पुलिस की कहानी--29 नवंबर को रूपेश सिंह की गाड़ी का मर्डर्रर की बाइक के साथ एक्सीडेंट हुआ. उसके बाद रूपेश सिंह ने बाइक चलाने वाले को जमकर पीटा. उसी पिटाई का बदला लेने के लिए हत्या की गयी. एसएसपी ने कहा कि रूपेश के परिजनों ने उन्हें बताया था कि एक्सीडेंट के उस वाकये के बाद रूपेश की गाड़ी का पीछा किया गया था.
रूपेश के परिजनों का बयान —
रूपेश की गाड़ी का ऐसा कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था. रूपेश की गाडी में किसी ने पीछे से धक्का मारा था. जब तक रूपेश गाड़ी से उतरते तब तक धक्का मारने वाला भाग चुका था. रूपेश ने उसे सही से देखा तक नहीं था. रूपेश की गाड़ी का किसी ने पीछा नहीं किया था. रूपेश की पत्नी ने कहा कि उन्होंने पुलिस को कभी नहीं बताया कि रूपेश ने एक्सीडेंट के बाद मारपीट की थी और किसी ने उनका पीछा किया था. रूपेश को जानने वाले भी ये बता रहे हैं कि रूपेश का व्यवहार किसी के साथ मारपीट करने वाला नहीं था. आज तक ऐसा कोई वाकया सामने नहीं आया जिसमें रूपेश ने किसी के साथ मारपीट की हो.
पुलिस की कहानी-रूपेश का मर्डर करने वाला रितुराज का पहले से कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं. वह गाड़ी चुराता था. लेकिन उसका भी कोई केस दर्ज नहीं है. फिर भी उसने चार साथियों के साथ मिलकर रूपेश की हत्या करने की चार बार कोशिश की. चार बार असफल रहने के बाद उसने पांचवी कोशिश में रूपेश को मार डाला.
फर्स्ट बिहार के सवाल-रूपेश को जिस तरीके से मारा गया उसमें प्रोफेशनल किलर द्वारा हत्या को अंजाम देने की बात साफ थी. रूपेश पर चलायी गयीं सारी गोलियां उनके सीने में लगी थी. एक भी गोली इधर-उधर नहीं लगी थी. ना शरीर के किसी दूसरे हिस्से में और ना ही उस गाड़ी में जिस में रूपेश तब बैठे थे जब उनकी हत्या हुई. सवाल ये कि क्या पहली दफे हत्या करने वाला कोई व्यक्ति इतने सटीक तरीके से गोली चला सकता है कि सारी गोलियां ठीक सटीक निशाने पर बैठे. क्या रोड एक्सीडेंट का बदला लेने आया युवक इतनी गोलियां सीने में उतारेगा जिससे जिंदा रहने का कोई चांस ही नहीं रहे.
पुलिस की कहानी-हत्यारा रितुराज रामकृष्णानगर इलाके से हत्या करने निकला था. जब वह हत्या करने निकला था तो उसकी अपाची बाइक पर एक फर्जी नंबर प्लेट लगाया गया था. लेकिन जब उसने हत्याकांड को अंजाम दिया तो उसने बाइक पर एक और फर्जी नंबर प्लेट लगा लिया.
फर्स्ट बिहार के सवाल-जब कथित हत्यारा गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगा कर ही निकला था तो उसने फिर से एक और नंबर प्लेट क्यों बदला. नंबर प्लेट बदलने की नौबत तब आती जब पहले उस पर सही नंबर प्लेट लगा होता. पुलिस के मुताबिक घऱ से निकल कर कथित हत्यारा रितुराज चार घंटे तक पुनाईचक इलाके में घूम रहा था. सवाल ये है कि क्या सड़क पर घूमने के दौरान उसने नंबर प्लेट बदल लिया. क्या कोई सार्वजनिक जगह पर अपनी गाड़ी का नंबर प्लेट बदल सकता है. दिलचस्प बात ये भी है कि पुलिस कह रही है कि उसने सारे नंबर प्लेट अपने घर में रखा था जिसे पुलिस ने बरामद भी कर लिया है. यानि जो अपराधी इतना शातिर हो उसने सारे सबूतों को अपने घऱ में रखा था. जबकि उन नंबर प्लेट का कोई दूसरा उपयोग करने का उसका कोई इरादा नहीं था.
पुलिस की कहानी-हत्यारे का कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है. लेकिन वह हथियारों का शौकीन था. कथित हत्यारा रितुराज अच्छे परिवार से है लेकिन वह बाइक चुराता था. उसने पहले से पिस्टल ले रखा था. उसी पिस्टल से उसने मर्डर किया.
फर्स्ट बिहार के सवाल-पुलिस ये नहीं बात पा रही है कि रितुराज के पास पिस्टल कहां से आया. उसने किससे पिस्टल खरीदा था. कितने में खरीदा था, कहां से खरीदा था. पुलिस ने मीडिया के सामने रितुराज को पेश किया लेकिन उसे भी नहीं पता था कि पिस्टल कहां से खरीदी गयी.
पुलिस की कहानी-रूपेश सिंह की हत्या के दिन कथित हत्यारा रितुराज घऱ से बैग में कपड़ा लेकर निकला था. ताकि मर्डर के बाद उसे बदला जा सके. उसने अपना मोबाइल नंबर हत्या के दिन डेढ़ बजे की स्वीच ऑफ कर लिया था, जिसे अगले दिन कुछ देर के लिए खोला. यानि कथित हत्यारा ये जानता था कि उसे फोन से ट्रेस किया जा सकता है. हत्यारा ये भी जानता था कि मर्डर के बाद उसे कपड़ा बदलना होगा. लेकिन हत्या करने के बाद वह ऑटो पकड़ कर अपने घर में वापस सोने चला गया.
फर्स्ट बिहार के सवाल-क्या जिसका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं हो, जिसे पुलिस मामूली गाड़ी चोर बता रही है उसे पुलिस के इंवेस्टीगेशन के तरीके की इतनी सघन जानकारी हो सकती है. जो इतना शातिर होगा वह मर्डर के बाद अपने घर में सोने चला जायेगा. जो घर से कपड़े लेकर निकलेगा कि मर्डर के बाद कपडा बदलना है वह सारा कपड़ा अपने घऱ में रखेगा ?
पुलिस की कहानी- मर्डर के अगले दिन कथित हत्यारा रितुराज रांची भाग गया. लेकिन कुछ दिनों में वह वापस लौट भी आया. तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
फर्स्ट बिहार के सवाल-जब हत्यारा इतना शातिर था तो वह रांची से लौट कर क्यों आया. पुलिस ने आज अपने घेरे में रितुराज को मीडिया के सामने पेश किया था. मीडिया ने उससे पूछा कि वह रांची से क्यों लौट आया. उसने कहा-बस ऐसे ही रांची से लौट आये थे.
रूपेश सिंह हत्याकांड में पुलिस की कहानी पर सवाल हजार है. पटना के एसएसपी ने आज जो भी कहानी सुनायी उसमें छेद ही छेद है. पुलिस ने आज जब मीडिया के सामने कथित हत्यारे रितुराज को पेश किया तो उसके सूजे हाथ पैर दिख रहे थे. जहां प्रेस कांफ्रेंस हो रहा था उसके बाहर एक पुलिसवाले की निजी गाड़ी में रितुराज के पिता को भी बैठे लोगों ने देखा. रितुराज के पिता के हाथ पैर से लेकर पूरा शरीर जिस हाल में था वह कई कहानियां खुद ब खुद बता रहा था.
रितुराज क्यों बोला कि जो सर कहें वही सही
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आज पुलिस ने रूपेश के कथित हत्यारे रितुराज को पेश किया. सादे कपड़े में पुलिस वालों के घेरे में. रितुराज से मीडिया ने घटना के बारे में सवाल पूछना शुरू किया. उसने हर सवाल का अलग-अलग जवाब दिया. पटना के एसएसपी कह रहे थे कि जब एक्सीडेंट हुआ था तब से ही रितुराज को रूपेश सिंह की गाडी का नंबर याद था. आज जब मीडिया ने पूछा तो रितुराज ने पहले कहा कि उसे गाड़ी का नंबर याद नहीं. फिर पुलिस वाले बोले कि गाड़ी का नंबर बताओ. कुछ देर बाद रितुराज ने गाड़ी का नंबर बताया.
मीडिया ने रितुराज से पूछा कि कितनी गोलियां मारी थीं. उसने पहले कहा-सात. कुछ देर बाद बोला-चार-पांच गोलियां मारी थी. मीडिया ने पूछा कि क्या उसके दोस्तों ने भी रूपेश सिंह पर गोली चलायी थी. रितुराज बोला-उसे कुछ पता नहीं. हड़बड़ी में पता नहीं चला. हैरानी की बात ये है कि हत्या के दौरान जिस हड़बड़ी का जिक्र वह कर रहा था उसी हड़बड़ी में उसने सारी की सारी गोली रूपेश के ठीक सीने में उतार दी थीं. ऐसी जगह पर जहां गोली लगने के बाद किसी का बचना संभव नहीं था.
मीडिया के सवालों का कथित हत्यारा बार-बार अलग जवाब दे रहा था. मीडियाकर्मी उससे पूछ रहे थे कि वह सही जवाब क्यों नहीं दे रहा था. बाद में कथित हत्यारे रितुराज ने कहा-जो सर यानि एसएसपी कह रहे हैं वह सब सही है. वही बात सही है. दिलचस्प बात ये है कि जब सर यानि एसएसपी मीडिया को हत्या की कहानी सुना रहे थे तब रितुराज वहां नहीं था. उसे बाद में लाया गया था. लेकिन उसे मालूम था कि जो एसएसपी कह रहे हैं वह सब सही है.
फर्स्ट बिहार ने रूपेश सिंह हत्याकांड में पुलिस की कहानी के बाद बिहार के तीन पूर्व डीजीपी से बात की. उन सबों से हमने ये पूछा कि क्या उनके पुलिस की नौकरी में उन्होंने ऐसा कोई मामला देखा जिसमें रोड पर हुए एक एक्सीडेंट के डेढ़-दो महीने बाद किसी ने उस कारण से ऐसे कोल्ड ब्लडेड मर्डर किया हो. किसी ने भी ये नहीं बताया कि उन्होंने पहले ऐसा मामला देखा है.