Bihar News: रेलवे ट्रैक पर जा फंसा बेलगाम ट्रक, तीन घंटे तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें बाधित Bihar Transfer-Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों का ट्रांसफर, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: जमीन कब्जे को लेकर हथियारों से लैस दबंगों का उत्पात, कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल Bihar Transfer-Posting : बिहार के एक SDO ने नौकरी क्यों छोड़ दी..? नीतीश सरकार ने दी स्वैच्छिक सेवानिवृति Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने दो आईएएस अफसरों का किया ट्रांसफर, पश्चिम बंगाल कैडर की इस महिला IAS को दी यह जिम्मेदारी... Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को बड़ा झटका, जन सुराज के बड़े नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा Rashtriya Janata Dal: बिहार चुनाव से पहले RJD की बड़ी रणनीति, P.hd प्रवक्ताओं की उतार दी फौज! Bihar News: हादसे की शिकार हुई बारात जा रही बस, दो दर्जन से अधिक बाराती घायल; दो की हालत नाजुक Bihar Politics : अल्लाबरू को अखिलेश सिंह का करारा जवाब, तेजस्वी ही होंगे महागठबंधन का चेहरा! Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार इस समाज के हर वयस्क को मिला वोट का हक ,कभी नहीं जानते थे वोट क्या होता है!
23-Apr-2020 09:31 AM
DELHI : देश में कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के ऊपर हो रहे हमलों पर सख्ती के लिए मोदी सरकार ने एक नया सुरक्षा कानून बनाया है। मोदी कैबिनेट ने इस कानून को अध्यादेश के जरिए कल स्वीकृति दे दी थी और अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस पर मुहर लगा दी है। कोरोना वारियर्स पर लगातार हमले को लेकर मोदी सरकार ने सख्त नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद बुधवार को ही यह प्रस्ताव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया गया था और अब राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के साथ ही अब देश में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर नया कानून प्रभावी हो गया है। इस कानून के तहत स्वास्थ्यकर्मियों पर किसी ने हमला किया तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है।
इस नए अध्यादेश के जरिए जो स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर जो नए नियम बनाए गए हैं उसके मुताबिक हमले के मामले में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। किसी भी घटना की जांच 30 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी और एक साल के अंदर स्पीडी ट्रायल के जरिए फैसला कराया जाएगा। घटना की गंभीरता को देखते हुए 50 हजार से दो लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अत्यंत गंभीर मामलों में 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है खास बात यह है कि ऐसे मामलों में एक लाख से लेकर 7 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।