DELHI: देश भर के डॉक्टरों के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल आज राज्यसभा से पास करा लिया. अब देश में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए नया कानून बनने का रास्ता साफ हो गया. राज्यसभा में आज फिर सरकार ने साफ कर दिया कि वो विरोध के बावजूद अपने कदम से पीछे हटने वाली नहीं है. ये बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है. लिहाजा नया कानून बनना तय हो गया है.
क्या खास है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में
-खत्म हो जायेगा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का अस्तित्व, अब नेशनल मेडिकल कमीशन का होगा गठन
-निजी मेडिकल कॉलेजों में मनमानी फीस पर लगेगी रोक, 50 परसेंट सीटों पर सरकार तय करेगी फी
-डॉक्टर बनने के लिए अब मेडिकल स्टूडेंट्स को पास करना पड़ेगा नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT) . देश भर के स्टूडेंट्स के लिए होगा एक ही टेस्ट. पास करने पर ही मिलेगा डॉक्टरी का लाइसेंस. PG में पढाई के लिए भी ये टेस्ट पास करना होगा. विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई कर आने वालों को भी भारत में प्रैक्टिस के लिए NEXT टेस्ट पास करना होगा
-अब नीट (NEET) के आधार पर ही AIIMS जैसे बड़े संस्थानों में भी एडमिशन होगा
-मेडिकल कॉलेजों पर नियंत्रण के लिए नयी संस्था (MARB) का गठन होगा. MARB ही नये मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी देगा. सीटों की संख्या तय करने का काम भी इसी संस्था के जिम्मे होगा
- सरकार बिना डिग्री वाले क्वैक डॉक्टरों को भी मेडिसिन प्रैक्टिस के लिए सीमित लाइसेंस दे सकती है. ये डॉक्टर प्राथमिक चिकित्सा कर पायेंगे. हालांकि उन्हें रजिस्टर्ड डॉक्टरों की देख रेख में ही दवा लिखने की अनुमति होगी.
डॉक्टर कर रहे केंद्र सरकार के फैसले का विरोध
केंद्र सरकार इस बिल को चिकित्सा क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी कदम करार दे रही है. लेकिन देश भर के डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बिल के बाद झोला छाप डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस करने का लाइसेंस मिल जायेगा. ऐसे साढ़े तीन लाख लोग हैं जो बिना किसी डिग्री के फर्जी डॉक्टर बने हुए हैं.सरकार उन्हें लाइसेंस देने जा रही है. ये समाज के लिए घातक हैं. इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के मुताबिक नीट के बाद नेक्ट्स NEXT परीक्षा से पिछड़े और गरीबे तबके के छात्रों का नुकसान होगा. डॉक्टरों की कई और आपत्तियां हैं. इस बिल के खिलाफ देश भर के डॉक्टरों ने कल हड़ताल किया था.लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी नोटिस नहीं ली.