ब्रेकिंग न्यूज़

Patna News: मां ने कर दिया गजब खेल ! बेटे के साथ मिलकर हसबैंड के लिए बना लिया ख़ास प्लान, जानिए कैसे खुला राज Bihar Assembly Election 2025 : NDA में कोई नाराज़गी नहीं, शाम तक उम्मीदवारों की सूची घोषित करेगी भाजपा: दिलीप जायसवाल Human On Moon: चांद पर कैसी होगी जिंदगी? जानिए वहां रहने के फायदे और नुकसान Patna News: 'सोनू' निकला इमरान, पटना में हिंदू बनकर युवती से की शादी; खुलासे के बाद मचा बवाल ODI में सबसे बड़ा World Record तोड़ने की ओर अग्रसर भारत का चैंपियन, वर्तमान में इस पाकिस्तानी प्लेयर के नाम है यह कीर्तिमान Bihar Election 2025 : NDA में सीट बंटवारा के बाद कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, BJP में 80% पुराने कैंडिडेट हो सकते हैं वापस Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025: आज जारी होगी NDA की उम्मीदवारों की सूची, इन लोगों के नाम की हो सकती है घोषणा Bihar Election 2025 : RJD के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे सूरजभान सिंह? कहा - आज रात तक का करें इंतजार, हो जाएगा सब क्लियर Diwali 2025: इस दिवाली पुराने पूजा बर्तनों को बनाएं एकदम नया, जानिए आसान घरेलू नुस्खे Bihar News: सिक्स लेन में तब्दील होगा बिहार का यह फोरलेन, इन जिलों के लोगों को विशेष फायदा

पूर्व मंत्री जयप्रकाश नारायण को बड़ी राहत, कोर्ट ने 18 साल पुराने मामले में किया बरी

पूर्व मंत्री जयप्रकाश नारायण को बड़ी राहत, कोर्ट ने 18 साल पुराने मामले में किया बरी

13-Apr-2023 02:24 PM

By First Bihar

JAMUI : बिहार के जमुई एमपी  जमुई में एमपी एमएलए कोर्ट बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जयप्रकाश और विजयप्रकाश समेत कुल 9 को बड़ी रहत दी है।  कोर्ट ने इन लोगों को 18 साल पुराने मामले में अब बरी कर दिया है। यह मामला विधानसभा चुनाव के दौरान का बताया जा रहा है। इनलोगों पर जमुई जिले के खैरा थाना में मामला दर्ज करवाया गया था। जसिके बाद अब आज  केस करने वाले इंस्पेक्टर ही न्यायालय में मुकर गए।  जिसके बाद कोर्ट ने सभी लोगों को बरी कर दिया। 


दरअसल, 2005 विधानसभा चुनाव के दौरान 18 अक्टूबर को राजद प्रत्याशी  के रूप में जयप्रकाश और विजयप्रकाश को पुलिस ने हथियार, शराब और 6,68,000 रुपये के साथ उन्हें गिरफ्तार किया था। उन पर जिले के खैरा थाना में कांड संख्या 183/2005 दर्ज किया गया था। इसके बाद अब साक्ष्य के आभाव में पूर्व मंत्री जयप्रकाश और विजयप्रकाश सहित नौ आरोपियों को रिहा किया गया है। कोर्ट का यह फैसला लगभग 18 साल बाद आया है।



बताया जा रहा है कि, न्यायालय की सख्ती के बाद कोर्ट में गवाही के लिऐ आऐ खैरा थाना कांड संख्या 185/2005 के सूचक इंस्पेक्टर शाहिद अख्तर ने जो बयान दिया वह मुकदमे को समाप्त करने वाला अंतिम मार्ग साबित हुआ। लंबे समय से गवाही के लिऐ एफआईआर करने वाले जमुई के तत्कालीन इंस्पेक्टर और खैरा थाना के प्रभारी के रूप में मुकेश्वर प्रसाद को सस्पेंड करने के बाद पदभार ग्रहण करने वाले शाहिद अख्तर ने टालमटोल के बाद न्यायालय में अपने बयान दिया। उन्होंने कहा कि एफआईआर में जो आवेदन दिया गया है उसमें मैंने लिखे हुऐ कागज पर हस्ताक्षर किए थे, जिस आवेदन पर एफआईआर किया गया है वह आवेदन किसकी लिखावट में है उसे वह नहीं पहचानते और घटना से भी पूरी तरह अनजान हैं। 


इधर, जमुई के तत्कालीन इंस्पेक्टर शाहिद अख्तर के न्यायालय में दिए इस गवाही ने खैरा थाना कांड संख्या 185/2005 के प्रमाणिकता को ही समाप्त कर दिया। 18 साल बाद लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद सभी नामजद 9 लोगों को साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया गया। विजय प्रकाश पर आरोप लगा था की वो भाई जयप्रकाश पर आरोप लगा था कि वो भाई से मिलने पहुंचे थे और उसे छुड़ा लिया था। मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी मुकेश्वर प्रसाद को एसपी अरविंद कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।