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23-Dec-2022 10:37 AM
PATNA : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मुंबई के पंजाब नेशनल बैंक के सेंटर जोनल कार्यालय से 168 करोड़ रुपये की जालसाजी का मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि, 34 गलत दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक से फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसके बाद अब इस मामले में शामिल अधिकारियों और अभियुक्तों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। इसको लेकर छह ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बिहार के पटना और छपरा के अलावा नोएडा, टाडीपटरी (आंध्र प्रदेश) और थोउबल (मणिपुर) में रेड मारी गई।
बता दें कि, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा जिन जगहों पर छापेमारी की जा रही है। उन जगहों पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों के संबंधित निदेशकों के ठिकानें है या फिर इनमें कुछ स्थानों के फर्जी नाम-पता का इस्तेमाल करके कागजात तैयार किए गए। मामले की तफ्तीश मुंबई स्थित सीबीआई की इकाई कर रही है।
इस मामले को लेकर जांच एजेंसी के तरफ से जो जानकारी आयी है उसके मुताबिक पीएनबी की मुंबई शाखा से गुजराज के सूरत स्थित मेसर्स सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड कंपनी ने पहले 100 करोड़ रुपये का टर्म लोन वाहन खरीदने के नाम लिया था। कंपनी ने बैंक को बताया कि वह इस राशि से 335 गाड़ियां खरीदना चाहती है। मगर कंपनी ने इन पैसों से 240 गाड़ियां ही खरीदी, यानी निर्धारित संख्या से 95 वाहन खरीदे और इस राशि की दूसरी जगह पर डायवर्ट कर दिया गया।
वहीं,सबसे बड़ी बात यह है कि इन 240 गाड़ियों में 19 व्हीकल ऐसे थे, जिन पर एसबीआई और आंध्रा बैंक जैसे दूसरे बैंकों से भी लोन उठा लिया गया। कंपनी ने बैंकों को 335 गाड़ियों की पूरी जानकारी मुहैया कराई थी, उसमें 95 गाड़ियों के फर्जी कागजात बैंक के साथ-साथ आरटीओ में भी प्रस्तुत किए गए। इन दस्तावेजों को पटना और छपरा के कुछ फर्जी पते पर तैयार किया गया। जिसमें लोन देने वाले बैंक अफसरों में तत्कालीन मैनेजर समेत अन्य पदाधिकारी बिहार के हैं। इस कंपनी के निदेशक मंडल में दीपक कुमार वैद्य, रूपचंद वैद्य, राजकुमार वैद्य समेत अन्य शामिल हैं।