ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: मुंगेर में पुलिस से भिड़े परिजन, वारंटी को छुड़ाकर भगाया, फिर क्या हुआ जानिए? कटिहार में युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन में दो हत्या से इलाके में दहशत, कानून व्यवस्था पर सवाल गोपालगंज में मुठभेड़: 25 हजार के इनामी बदमाश महावीर यादव गिरफ्तार, पैर में लगी गोली IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं "बिहार को बनेगा स्टार्टअप हब", स्टार्टअप स्पार्क 2.0 में बोले उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा Patna Traffic: राजधानी में ट्रैफिक जाम की सूचना के लिए फोन और व्हाट्सएप्प नंबर जारी, तुरंत इन दो नंबरों पर दें जानकारी Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद सेक्स की नौकरी और कॉल बॉय बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, पटना से तीन शातिर गिरफ्तार

असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, बीपीएससी और टीएमयू से जवाब तलब

असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, बीपीएससी और टीएमयू से जवाब तलब

23-Sep-2020 07:23 PM

PATNA: पटना हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मामले पर सुनवाई करते हुए बीपीएससी व तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी से जवाब दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकल पीठ ने उक्त मामले पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा है कि इस बीच यदि नियुक्ति की जाती है तो वो अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा। उक्त मामले में याचिकाकर्ता दिलीप कुमार चौधरी के अधिवक्ता नवजोत ईशू ने बताया कि सूबे के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या -63/ 2014 निकाला गया था, जोकि लेबर एंड सोशल वेलफेयर से संबंधित है।

 आयोग ने याचिकाकर्ता को लेबर एंड सोशल वेलफेयर के डिग्री को इंडस्ट्रियल रिलेशन्स एंड पर्सनल मैनेजमेंट के समतुल्य नहीं मानते हुए अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची में रखा है। आयोग द्वारा सिर्फ एक उम्मीदवार को योग्य घोषित किया गया है, जबकि शेष बचे हुए 311 उम्मीदवारों को उक्त आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उक्त डिग्री का नाम भी तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने विगत 28-04-2001 को नोटिफिकेशन निकालकर बदल दिया है।

 आयोग का पक्ष अधिवक्ता संजय पांडे ने रखा। वहीं, टी एम भागलपुर यूनिवर्सिटी का पक्ष अधिवक्ता अशर मुस्तफा ने रखा, जबकि राज्य सरकार का पक्ष अधिवक्ता समीर कुमार ने रखा। इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 21 अक्टूबर को की जाएगी।