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02-Nov-2021 02:24 PM
PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में प्रतिबंधित दवाओं के व्यापार में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शशि रंजन सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने अपने शपथ पत्र में व्यवस्था में चूक होने की बात स्वीकार किया है।
साथ ही ये भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने अपने शपथ पत्र में यह लिखा है कि सभी दोषी दवा निर्माताओं के विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि शपथ पत्र में मात्र मुजफ्फरपुर जिले की चर्चा है।राज्य के अन्य जिलों में क्या कार्रवाई की गई है इस पर शपथ पत्र में कोई चर्चा नहीं की गई है।
याचिकाकर्ता ने बिहार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 व रूल्स 122 ई का हवाला देते हुए कहा है कि कानून के प्रावधानों के विरुद्ध प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही है। याचिका में आरोप लगाया है कि कथित तौर पर पूरे राज्य में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री वर्तमान समय के प्रभारी ड्रग्स कंट्रोलर जो की ड्रग्स कंट्रोलर के रूप में कार्य कर रहे हैं उनकी मिलीभगत से की जा रही है।
इस मामले में सहायक औषधि नियंत्रक, मुजफ्फरपुर, ने कुल 111 फर्मों के नामों को 12 जून, 2021 को अपने पत्र के जरिये अभियोजन चलाने को लेकर भेजा था, परंतु ड्रग्स कंट्रोलर ने अभियोजन चलाने की स्वीकृति नहीं दी।
श्रीवास्तव ने आगे ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया के विगत 11 फरवरी, 2021, 22 मार्च, 2021 और 26 अप्रैल, 2021 के पत्रों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राज्य के ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से पूरे राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री का सिलसिला जारी है ।और इनके संरक्षण में ही ये सब कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। प्रतिबंधित चीजों को दवाओं में मिलाकर दवाओं की बिक्री की जा रही है। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।