DESK: चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए इसरो में मौजूद प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को वैज्ञानिकों पर गर्व है. प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा- “ मैं पूरी तरह आपके साथ हूं. हमारी यात्रा आगे भी जारी रहेगी, आप हिम्मत के साथ चलें“
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रात 1.25 में इसरो पहुंच गये थे प्रधानमंत्री
चांद की सतह पर भारतीय यान की लैडिंग के पल का गवाह बनने प्रधानमंत्री रात के 1.25 बजे इसरो मुख्यालच में पहुंच गये थे. प्रधानमंत्री इसरो के विशेष कक्ष में जा बैठे. उनके साथ इसरो के पूर्व प्रमुख माधवन नायर मौजूद थे, जो उन्हें हर गतिविधि की जानकारी दे रहे थे. रात के करीब 1.53 में विक्रम लैंडर की लैंडिंग चांद की सतह पर होनी थी. लगभग 1.55 बजे विक्रम लैंडर अपने लिए तय रूट से भटका. तब वो चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर दूर था. इसरो के वैज्ञानिकों के साथ साथ प्रधानमंत्री के चेहरे पर भी बेचैनी दिखने लगी. वैज्ञानिकों ने पहले जानकारी हासिल करने की कोशिश की. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.
इसरो प्रमुख ने प्रधानमंत्री को दी जानकारी
रात के लगभग 2 बजे इसरो प्रमुख के सिवन प्रधानमंत्री के पास पहुंचे. उन्होंने प्रधानमंत्री को स्थिति की जानकारी दी. तब तक ये तय हो चुका था कि विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से समाप्त हो गया था. निराश प्रधानमंत्री उस कक्ष से निकल गये, जहां वे लैंडर विक्रम की लैंडिंग देखने के लिए बैठे थे. हालांकि तब तक इसरो ने कोई औपचारिक एलान नहीं किया था. लेकिन प्रधानमंत्री के निकलते ही ये साफ हो गया था कि मिशन विफल हो गया है.
वैज्ञानिकों के बीच पहुंचे प्रधानमंत्री
रात के 2.20 बजे प्रधानमंत्री वैज्ञानिकों के बीच पहुंच गये. वैज्ञानिक निराश थे. प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाया. कहा- “ जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. आपने जो किया है वो छोटा काम नहीं है. आगे भी हमारी कोशिशें जारी रहेंगी. देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है. मैं पूरी तरह से वैज्ञानिकों के साथ है. आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगा. हिम्मत के साथ चलें. आपके पुरूषार्थ से देश फिर से खुशियां मनाने लग जायेगा.”
बच्चों से भी मिले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन बच्चों के बीच भी पहुंचे जो इस ऐतिहासिक लमहे को देखने के लिए इसरो पहुंचे थे. देश भर के 60 बच्चे इसरो पहुंचे थे जो चंद्रयान की लाइव लैंडिंग देख रहे थे. भूटान से भी छात्रों को इसरो लाया गया था. प्रधानमंत्री ने बच्चों के बीच पहुंच कर उनसे बातचीत की. PM ने बच्चों का भी हौंसला बढ़ाया. उन्होंने कहा कि बच्चों को असफलता से निराश नहीं होना चाहिये. बल्कि इसका ख्याल रखना चाहिये कि उन्होंने क्या सफलता हासिल की.