ब्रेकिंग न्यूज़

MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल

नियमित वेतनमान पर राज्य में हो शिक्षकों की नियुक्ति, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग, गैर शिक्षण कार्य से शिक्षकों को मिले मुक्ति

नियमित वेतनमान पर राज्य में हो शिक्षकों की नियुक्ति, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने की मांग, गैर शिक्षण कार्य से शिक्षकों को मिले मुक्ति

19-Sep-2019 09:16 PM

PATNA: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और एमएलसी केदार नाथ पाण्डेय और जनरल सेक्रेटरी शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने राज्य में नियोजन के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की मांग सीएम नीतीश कुमार से की है. साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि राज्य में नियमित वेतनमान पर योग्य और कुशल शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जाय.

संघ के नेताओं ने कहा कि कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित नई शिक्षा नीति के मुताबिक शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक या कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की स्पष्ट अनुशंसा है. साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य करने की सख्त मनाही भी है. शिक्षा नीति के इस प्रारूप में आयोग की साफ अनुशंसा है कि जब तक शिक्षकों को आकर्षक, सम्मानजनक और गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है.

केंद्र सरकार की तरफ से नई शिक्षा नीति को लेकर मांगे गए सुझाव पर माध्यमिक शिक्षक संघ की स्पष्ट अनुशंसा है कि शिक्षा को पंचायती राज से मुक्त करने और 18 साल के बच्चों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के तहत मौलिक अधिकार प्रदान करने, और शिक्षा अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों को भी शामिल करने संबंधी प्रावधान और स्थान संवैधानिक संशोधन को अनिवार्य किया जाना चाहिए.