Bihar News: पढ़ाई-दवाई-सिंचाई-सप्लाई, अमित शाह ने चार सूत्रों पर दिया जोर, कहा- लालू-सोनिया परिवार की 2 पहचान भ्रष्टाचार और.... Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा प्रचार का अनोखा अंदाज, प्रत्याशी ने गले से पैर तक खुद को जंजीर से जकड़ा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा प्रचार का अनोखा अंदाज, प्रत्याशी ने गले से पैर तक खुद को जंजीर से जकड़ा IRCTC Website App Down: छठ पूजा में ठप हुए IRCTC की वेबसाइट और एप, यात्रियों को टिकट बुकिंग में हो रही दिक्कत IRCTC Website App Down: छठ पूजा में ठप हुए IRCTC की वेबसाइट और एप, यात्रियों को टिकट बुकिंग में हो रही दिक्कत Bihar News: बिहार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की गुंडागर्दी, मरीज के शव को बंधक बनाया; परिजनों के साथ की मारपीट Bihar News: बिहार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की गुंडागर्दी, मरीज के शव को बंधक बनाया; परिजनों के साथ की मारपीट Bihar Election 2025: चेतन आनंद की जीत के लिए आनंद मोहन ने तेज किया जनसंपर्क, पूर्व विधायक के इस्तीफे पर क्या बोले? Bihar Election 2025: चेतन आनंद की जीत के लिए आनंद मोहन ने तेज किया जनसंपर्क, पूर्व विधायक के इस्तीफे पर क्या बोले? Bihar Co Action: यह CO निजी मकान में समानांतर दफ्तर चला रहे थे...तब SDO ने की थी छापेमारी, DM की रिपोर्ट पर हुए डिमोट
04-Oct-2019 07:33 PM
PATNA: राजधानी पटना के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं. लोगों को न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही खाने को भोजन. निचले इलाकों में अभी भी घरों में पानी भरा हुआ है. कुछ इलाकों में महामारी के फैलने की भी खबर है. लोगों को इस आपदा के सात दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी राहत नहीं मिल पायी है लेकिन राजधानी को संवारने वाले और लोगों को जिंदगी को बेहतर बनाने का दावा करने वाले लोग इसे महज प्राकृतिक आपदा बताकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं.
सीता साहू ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला
करोड़ों की लागत से राजधानी पटना को संवारने का दावा करने वाला नगर निगम इसे प्राकृतिक आपदा बताकर पल्ला झाड़ रहा है. पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू इस आपदा के लिए बुडको को जिम्मेदार ठहरा रही हैं और कहती हैं कि वो इस्तीफा क्यों देंगी. पटना की मेयर सीता साहू का जब आप तर्क सुनेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे. मीडिया के सवालों का जवाब देने के दौरान सीता साहू अपनी जिम्मेदारियों से भागती नजर आयीं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में कोई क्या कर सकता है?
लोगों से ज्यादा अपनी कुर्सी बचाने को तरजीह
ये बयान है उस मेयर का जिसके कंधों पर राजधानी को संवारने की जिम्मेदारी है. जिसके उपर राजधानी में रह रहे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी है. दरअसल बड़े- बड़े होटलों में बैठकर झुग्गियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने का दावा करने वाले लोगों को यह कहां पता है कि गरीबों और आम लोगों की जिंदगी कैसे चलती है. एक मायने में कहा जाए तो नगर निगम का मुख्य काम अब अपने पसंद का मेयर और डिप्टी मेयर बनाने तक ही सीमित रह गया जान पड़ता है. हरेक दो साल पर मेयर और डिप्टी मेयर का कथित गुट एक दूसरे को कुर्सी से हटाने की जुगत में लगा रहता है और इसके पीछे होता है रुपयों का खेल.