ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘एनडीए जनता के जनादेश से सरकार नहीं बनाती’, मुकेश सहनी का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘एनडीए जनता के जनादेश से सरकार नहीं बनाती’, मुकेश सहनी का बड़ा हमला Bihar News: बिहार के अस्पताल में स्टाफ पर एसिड अटैक, बाल-बाल बची जान Bihar Election 2025 : 'मुस्लिम हमारे पूर्वजों की संतानें ...', दुसरे चरण की वोटिंग से पहले बढ़ जाएगी BJP की टेंशन, अब कैसे सिमांचल में मिलेगी बढ़त ? Bihar News: बिहार में फंदे से लटका मिला युवक का शव, भाई ने कहा "हत्या हुई है" Bihar Crime News: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, भारी मात्रा में हथियार बरामद Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव से पहले BJP को मिली बड़ी सफलता, 122 में से 107 सीटों पर हुई जीत; बढ़ गई विपक्ष की टेंशन Bihar Crime News: बिहार में राजस्थान पुलिस की छापेमारी से हड़कंप, 50 लाख की चोरी से जुड़े मामले में एक्शन Bihar Chunav : 'नीतीश कुमार से अब भरोसा टूट चुका है ...', अब नहीं होंगे किसी भी हाल में स्वीकार; जानिए बिहार के बड़े नेता ने ऐसा क्यों कहा Railway News: बिहार के इन तीन रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को मिलेगी नई सुविधा; जानिए क्या है खास

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के हालात का मांगा ब्यौरा, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर कोर्ट गंभीर

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के हालात का मांगा ब्यौरा, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर कोर्ट गंभीर

16-Dec-2021 01:09 PM

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने करोना महामारी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधाभासी हलफनामा को काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों को ज़िला के सरकारी अस्पतालों के हालात का विस्तृत ब्यौरा तलब किया है.


मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने जो ज़िला के सरकारी अस्पतालों के संबंध में हलफनामा दायर किया था, उसमें काफी जानकारियां सही नहीं थी. कोर्ट ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरा और सही ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी ज़िला के सिविल सर्जनों को ऑन लाइन उपस्थित हो कर सारी स्थिति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है.


पिछली सुनवाई में डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. कोर्ट ने विशेष तौर  साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में  सूचित करने को कहा था.

 

लेकिन आज जो राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, कार्यरत डॉक्टर,नर्स व् अन्य कर्मचारियों का विस्तृत ब्यौरा दिया,उसमें जानकारियां सही नहीं थी. एम्स, पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने उसके पूर्व भी राज्य के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था.