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28-Nov-2021 09:08 PM
By FIRST BIHAR EXCLUSIVE
PATNA: नरेंद्र मोदी जब केंद्र की सत्ता में आये तो अपने ड्रीम प्रोजेक्ट नीति आय़ोग को लेकर आये थे। नरेंद्र मोदी ने ही योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग का गठन किया था। लेकिन अब बीजेपी के ही नेता सुशील मोदी कह रहे हैं कि नीति आय़ोग को रिपोर्ट तैयार करने ही नहीं आता। दरअसल नीति आय़ोग ने बिहार को विकास के सारे पैमाने पर देश में सबसे फिसड्डी राज्य करार दिया है। सुशील मोदी नीतीश कुमार के मंत्रियों की तरह नीति आयोग को ही गलत करार दे रहे हैं।
क्या बोले सुशील मोदी
नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में बिहार को देश का सबसे गरीब और फिसड्डी राज्य बताया है। इससे पहले की नीति आय़ोग की रिपोर्ट में भी बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर शिक्षा को देश में सबसे बदतर करार दिया जा चुका है। आज बीजेपी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नीति आय़ोग पर सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग जैसे-तैसे रिपोर्ट तैयार कर दे रहा है। उसे नीतीश सरकार यानि राज्य सरकारों से पूछ कर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिये।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार फिसड्डी नहीं बल्कि देश में सबसे आगे है. नीति आयोग यदि इस आधार पर कोई रैंकिंग रिपोर्ट जारी करे कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय जैसे मानकों पर किसी राज्य ने 10 साल में कितनी प्रगति की है, तो इसमें बिहार सबसे आगे होगा. इसलिए नीति आयोग को बदलना चाहिये औऱ राज्यों से बात कर नए पैमाने पर रिपोर्ट बनाना चाहिये।
पुराने आंकड़ों पर बन रही रिपोर्ट
सुशील मोदी ने कहा कि नीति आयोग की जिस रिपोर्ट की चर्चा हो रही है वह तो 6 साल पुराने यानि 2015-16 के आंकड़ों पर आधारित है। फिर नीति आयोग अपनी रिपोर्ट में देश के पंजाब-गुजरात जैसे सम्पन्न राज्यों से गोवा-उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों और बिहार-ओडिशा जैसे पिछड़े राज्यों की तुलना कैसे कर सकता है। नीति आयोग को आबादी, संसाधन और क्षेत्रफल जैसे आधार पर राज्यों का वर्गीकरण करना चाहिए। फिर रिपोर्ट तैयार करते समय ये भी ध्यान रखना चाहिए कि दस साल पहले वह राज्य कहां खड़ा था। सुशील मोदी ने कहा कि नीति आयोग को राज्यों के विकास को आंकने के लिए नया सिस्टम लाना चाहिये।