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12-Nov-2022 08:41 PM
DELHI : बीजेपी से गठबंधन खत्म करने के बाद नीतीश कुमार ने मिशन 2024 का ऐलान किया था। नीतीश कुमार ने खुले तौर पर कहा था कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकजुटता का काम करेंगे, मकसद होगा भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली की सत्ता से बेदखल करना। नीतीश कुमार ने इसके लिए दिल्ली दौरा भी किया था और विपक्षी दल के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात भी की थी। नीतीश कुमार की तरफ से विपक्षी एकजुटता के प्रयास को सबसे पहला झटका तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने दे दिया था। पटना दौरे पर आए चंद्रशेखर राव ने नीतीश से हर मसले पर सहमति नहीं जताई थी लेकिन नीतीश कुमार ने दिल्ली पहुंचने के बाद अन्य नेताओं से मुलाकात किया और उसके बाद इसे एक सकारात्मक कदम बताया था।
सितंबर महीने में दिल्ली दौरे पर गए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। इस दौरान केजरीवाल ने अपने पत्ते तो नहीं खोले थे लेकिन नीतीश पटना वापसी के बाद यह कहते रहे की सभी दल विपक्षी एकजुटता को लेकर सहमत हैं लेकिन अब अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार के मिशन 2024 से कन्नी काट लिया है। अरविंद केजरीवाल इस बात से सहमत नहीं है कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी एकजुटता सही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी एकजुटता की बात के वह पक्षधर नहीं है। केजरीवाल ने कहा है कि यह काम हमें जनता पर छोड़ देना चाहिए। जिस दिन देश की जनता यह तय कर लेगी कि बीजेपी को हराना है उस दिन हरा देंगे।
दरअसल, एक दैनिक अखबार की तरफ से आयोजित समिट में अपनी बात रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी एकजुटता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। केजरीवाल ने कहा है कि हमें जनता के सामने केवल रोड मैप देना चाहिए, अपना एजेंडा बताना चाहिए कि किस तरह उनकी जिंदगी में बदलाव किया जा सकता है। जनता को अगर हमारा आईडिया पसंद आ गया तो वह बीजेपी को हटा देगी। इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि लोग विपक्षी एकजुटता नहीं चाहते हैं, लोग उम्मीद चाहते हैं। विपक्षी एकता का क्या मतलब सभी विपक्ष के नेता मिल जाएं और बीजेपी को हरा दें केवल यह नहीं होना चाहिए। बीजेपी को हराने का ठेका कोई कैसे ले सकता है। केजरीवाल ने जो बयान दिया है वह कहीं न कहीं नीतीश कुमार के उस मुहिम की हवा निकालने वाला है, जो मिशन 2024 के लिए विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं।