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16-Nov-2020 06:52 AM
PATNA : नीतीश कुमार आज शाम 4.30 बजे सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन इस बार डिप्टी सीएम को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. अबतक सबसे लंबे समय तक 12 साल उनके डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी उनके साथ नहीं होंगे. भाजपा के नए चेहरे के आगे लाने के फैसले के बाद यह संभावना है कि भाजपा विधानमंडल दल के नेता चुने गए तारकिशोर डिप्टी सीएम का चेहरा होंगे.
बता दें कि बिहार में सातवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार पहली बार सिर्फ 7 दिन के लिए ही कुर्सी पर बैठे थे. हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण महज एक सप्ताह बाद ही उनकी सरकार गिर गई थी. सीएम के तौर पर अपनी दूसरी इनिंग में नीतीश ने 5 साल का कार्यकाल पहली बार पूरा किया. 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक नीतीश दूसरी बार मुख्यमंत्री रहें.
तीसरी बार सीएम के रूप में नीतीश कुमार की ताजपोशी 26 नवंबर 2010 को हुई, जब बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री के रूप में उनके काम को आपार समर्थन दिया. हालांकि बाद में कार्यकाल के पूरा होने के पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह वही समय था जब नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी को एनडीए का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में एनडीए से बाहर होने का फैसला किया था. जिसका नतीजा ये हुआ कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच उनकी पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी. सत्ताधारी दल होने के बावजूद भी नीतीश के खाते में सिर्फ 2 सीटें ही आई थीं. जिसके कारण पार्टी की करारी हार का जिम्मा लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और तब जेडीयू के नेता रहे जीतन राम मांझी को पहली बार सीएम की कुर्सी पर बैठने का मौक़ा मिला क्योंकि नीतीश ने इन्हें ही अपना कार्यभार सौंपा.
चौथी बार 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण किया. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी को हटाकर नीतीश खुद सीएम बन गए और उन्होंने बिहार की कमान संभाली. नीतीश कुमार के इस फैसले से नाराज होकर बाद में मांझी ने जनता दल यूनाइटेड से रिश्ता तोड़ लिया और खुद अलग पार्टी बना ली. हालांकि इस बार दोनों फिर से साथ आ गए हैं. 2020 के बिहार चुनाव में हम को 4 सीटें मिली हैं और जीतन राम मांझी ने नीतीश को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया है.
पांचवीं बार नीतीश कुमार 20 नवंबर 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बनें. भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने लालू यादव का हाथ थामा. लगभग एक दशक तक सत्ता से दूर रहने वाली आरजेडी ने नीतीश का नेतृत्व पसंद किया और चुनाव जीतने के बाद उन्हें सीएम बनाया. इसी साल पहली बार लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी बिहार के डिप्टी सीएम बने थे.
छठी बार नीतीश ने 27 जुलाई 2017 को बिहार का कमान संभाला और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण किया. क्योंकि आरजेडी से इन्होंने अपना गठबंधन तोड़ लिया था. लालू की पार्टी से रिश्ता टूटने के बाद नीतीश फिर से एनडीए के साथ आ गए और मुख्यमंत्री बने. इस गठबंधन के साथ उनकी पुरानी जोड़ी भी साथ आई. तेजस्वी के डिप्टी सीएम के पद से हटने के बाद बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी फिर से बिहार के उपमुख्यमंत्री बन गए.