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28-Dec-2021 04:41 PM
PATNA : बिहार सरकार किसानों के फसल को नुकसान करने वाले नील गायों (जंगली गाय) को अब नसबंदी करा कर उनको वनों में छोड़ने का निर्णय लिया है. नीलगाय किसानों के फसल को नुकसान करने के साथ-साथ बड़ी संख्या में बच्चे का प्रजनन भी करते हैं ऐसी स्तिथि में लगातार इनकी संख्या दुगुनी से चार गुनी हो जाती है. अब सरकार इनके नसबंदी कराने की योजना बना रही है.
डॉक्टरों की विशेष टीम सभी जिलों का मुआयना कर वहां से नील गायों की नसबंदी भी ऑन द सपोर्ट करेगी. वन विभाग ने इसको लेकर एक निर्देश भी जारी किया है. खासतौर पर उत्तर बिहार और सीमांचल के जिलों में नील गायों का काफी आतंक है. विधानसभा में भी कई माननीय सदस्य ने नीलगाय से किसानों के होने वाली क्षति को लेकर सवाल उठाया था. इसके बाद वन पर्यावरण विभाग एक्शन मूड में है.
अब वेटरनरी डॉक्टरों की टीम को इस काम में लगाया जा रहा है. वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पहले फेज में तमाम जिलों का मुआयना डॉक्टरों की टीम करेगी और ऑनस्पॉट नीलगायों की नसबंदी की जाएगी. विभाग ने इस योजना को लेकर एक रोडमैप भी तैयार किया है. यह आकलन कराया जाएगा कि आखिर अधिकारियों की टीम अगर नील गायों को पकड़ने का काम करती है तो उस पर कितना खर्च आता है. अगर खर्च ज्यादा हुआ तो किसानों को भी इस काम में लगाया जाएगा.
इसके लिए ग्रामीण स्तर पर किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी और किसानों को नीलगाय पकड़ने पर उनको सरकारी मुआवजा भी दिया जायेगा. मंत्री नीरज कुमार बबलू ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि डॉक्टरों की टीम जब ग्रामीण इलाकों में जाए और नीलगाय को पकड़ने का काम करें तो सभी लोग इस काम में सहयोग करें क्योंकि किसानों की फसल को नीलगाय काफी संख्या में नुकसान करते हैं जिसकी भरपाई नहीं हो पाती है. इसी को लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग लगातार तत्पर है और डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ किसानों को भी इस काम में लगाने की योजना विभाग बना रही है.