ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को लगाएं खीर का भोग, सारे दुख हो जाएंगे दूर

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को लगाएं खीर का भोग, सारे दुख हो जाएंगे दूर

19-Oct-2020 06:00 AM

DESK : आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के तीसरे रुप को राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं. 

मां चंद्रघंटा की उत्पत्ति धर्म और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई है. मां के हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है. मां चंद्रघंटा की उपासना करने से साधक को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है और साधकों को संसार में यश कीर्ति और सम्मान मिलता है. मां के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है, इसीलिए मां को चंद्रघंटा कहा गया है.

मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण है. मां चंद्रघंटा और इनकी सवारी शेर दोनों का शरीर सोने की तरह चमकीला है. दसों हाथों में कमल और कमडंल के अलावा तलवार चक्र और अस्त्र-शस्त्र हैं. मां चंद्रघंटा को स्वर की देवी भी कहा जाता है. आज मां की पूजा लाल रंग से की जाती है. इसके साथ ही मां को लाल सेब और मखाने की खिर का भोग लगाना चाहिए. मां को भोग लगाते समय मंत्र और मंदिर की घंटी जरूर बजाएं. मां की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है. 

मां चंद्रघंटा का मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥