CTET 2026: "CTET अभ्यर्थी ध्यान दें... अभी तक फॉर्म नहीं भरा है तो जान लें यह अपडेट; इस बार बन सकता है नया रिकॉर्ड" Bihar Police News: बिहार के इस जिले में SP ने सभी थानाध्यक्षों को भेजा शो-कॉज नोटिस; क्या है वजह? Bihar Police News: बिहार के इस जिले में SP ने सभी थानाध्यक्षों को भेजा शो-कॉज नोटिस; क्या है वजह? सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचे, पटना की लड़की के साथ 3 बच्चों के बाप ने कर दिया बड़ा कांड bulldozer action : बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन, प्रशासन ने संभाला हालात; ग्रामीणों ने कहा - अब सिर छिपाने तक की जगह नहीं, Premanand Ji Maharaj: वृंदावन पहुंचे विराट-अनुष्का, लिया प्रेमानंद जी महाराज का आशीर्वाद; कहा- हम सब... Nitin Naveen resignation : नितिन नवीन ने नीतीश कैबिनेट से दिया इस्तीफा, BJP में बनाए गए हैं कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष UGC Merger: उच्च शिक्षा में बदलाव की दिशा में बड़ा कदम, सरकार के फैसले से इतिहास बन जाएगा UGC UGC Merger: उच्च शिक्षा में बदलाव की दिशा में बड़ा कदम, सरकार के फैसले से इतिहास बन जाएगा UGC Expressway News : बिहार को मिलेगी नई लाइफलाइन; मुजफ्फरपुर को पहला सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे, रक्सौल से हल्दिया का सफर होगा आधा
05-Nov-2024 07:15 AM
By First Bihar
PATNA : दिवाली के बाद अब छठ पूजा शुरू हो गई है। यह पर्व खासतौर पर बिहार,उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है। चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त उपवास रखते हैं और सूर्य देव को जीवन देने के लिए धन्यवाद देते हैं। इस साल छठ पूजा 5 नवंबर से 8 नवंबर तक मनाई जाएगी। जिसकी शुरुआत आज नहाय-खाय के साथ शुरू होगा।
छठ पूजा कैसे मनाई जाती है?
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है, जिसमें लोग स्नान करके सादा भोजन करते हैं। .नहाय खाय के दिन स्नान के बाद व्रती प्रसाद स्वरूप घर में या पूजन स्थल पर चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल (भात) पकाती हैं. पूजन के बाद व्रती स्वयं प्रसाद ग्रहण करेंगी। साथ ही घर-परिवार के सदस्यों के बीच व आसपास के लोगों को नहाय खाय के दिन का प्रसाद खिलाया जाता है।
दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के बाद रोटी और खीर खाकर उपवास तोड़ते हैं। परिवार के लोग एक साथ केले के पत्ते पर यह भोजन करते हैं। मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी (जलावन) छठ में भोजन पकाया जाता है। छठ में स्वच्छता और शुद्धता का काफी ख्याल रखा जाता है. ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाके में छठ पर्व के लिए व्रती कई माह पहले से तैयारी में जुट जाती हैं। पर्व में प्रसाद पकाने के लिए ज्यादातर जगहों (गांवों) में स्वयं मिट्टी का चूल्हा बनाती हैं।
तीसरे दिन भक्त शाम में नदी या तालाब में जाकर पानी में खड़े होकर अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके अगले दिन सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह अनुष्ठान शुद्धता और जीवन की निरंतरता का प्रतीक है। मान्यता है कि छठी मैया और सूर्यदेव की कृपा से निःसंतान को संतान हो जाती है। असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाते हैं. घर परिवार में खुशियां आती हैं।
छठ क्यों है खास?
छठ पूजा बिहार के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। इस त्योहार में कोई पुजारी नहीं होता और कोई भी इसे मना सकता है। भक्त सूर्य देव, जो पृथ्वी के ऊर्जा स्रोत हैं, की भक्ति और पूजा करते हैं।