Bihar News: बिहार में लड़की का हाईवोल्टेज ड्रामा, बॉयफ्रेंड से शादी के लिए बिजली के टावर पर चढ़ी; जानिए.. फिर क्या हुआ? Bihar News: बिहार में लड़की का हाईवोल्टेज ड्रामा, बॉयफ्रेंड से शादी के लिए बिजली के टावर पर चढ़ी; जानिए.. फिर क्या हुआ? मोतिहारी में युवकों ने पकड़ा 15 फीट लंबा अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़ बिहार में बाघ का कहर: 65 साल की बुजुर्ग महिला को जिंदा चबा गया बाघ, परिजनों को मिला सिर्फ पैर का हिस्सा BIHAR ELECTION : लालू यादव की चादरपोशी से गरमाई बिहार की सियासत, जदयू-भाजपा ने लगाया यह आरोप Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग से पहले उम्मीदवारों का एलान, JDU के बाद अब BJP ने भी इस सीट से कैंडिडेट की घोषणा की Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग से पहले उम्मीदवारों का एलान, JDU के बाद अब BJP ने भी इस सीट से कैंडिडेट की घोषणा की Teacher Vaccancy: शिक्षक बनने का सपना होगा पूरा ! 1180 पोस्ट पर आई वैकेंसी, बिना एग्जाम मिलेगा जॉब; जानिए तरीका MURDER IN LOVE AFFAIR : इश्क का खौफनाक अंजाम ! 6 दिन से लापता प्रेमी-प्रेमिका का 6 टुकड़ों में मिला शव, दोस्त भी हुआ गायब Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई
27-Apr-2022 08:49 PM
PATNA: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से मुकेश सहनी ने यह मांग की है कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव में लिया जाने वाला 5 हजार रुपये शुल्क सरकार वापस ले।
वीआईपी संस्थापक मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री को अपने पत्र में पूर्व से बने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव के लिए 7 सौ मतदाताओं पर सहयोग समितियों से 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा मत्स्यजीवी सहयोग समिति कमजोर वर्ग के व्यक्तियों का समूह है।
निर्वाचन विभाग जून 2022 में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का चुनाव कराना चाहता है। निर्वाचन प्राधिकार वैसी समितियों के लिए चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है जिन सहयोग समितियों ने शुल्क का भुगतान कर दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा गरीब मछुआरों की संख्या हैं जो मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव के शुल्क जमा करने की स्थिति में नहीं।
इनकी माली हालत ऐसी नहीं कि पांच हजार रुपये का शुल्क अदा कर सकें। सहनी ने वर्ष 2027-17 का हवाला देकर कहा उक्त चुनाव में सरकार ने निर्धारित शुल्क के नियम को क्षांत कर दिया था। यह व्यवस्था सिर्फ एक वर्ष के लिए प्रभावी की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 2017-18 की तरह यदि 2022 के चुनाव में भी शुल्क के नियमों को क्षांत किया जाए ताकि बड़ी संख्या में गरीब मछुआरा समूह चुनाव में भाग ले सके।