ब्रेकिंग न्यूज़

Labour Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है 1 मई को मजदूर दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व? Supreme Court: थाने में फरियादी को मिले उचित सम्मान, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला Pakistani Nationals Sent Back: 18 साल भारत में बिताए, फिर भी रियाज को पत्नी-बच्चों को छोड़ पाकिस्तान भेजा गया , जानिए क्यों! India Pakistan border: भारत सरकार के आदेश के बाद पाक वापसी से पहले 69 साल के पाक नागरिक की हार्ट अटैक से मौत Bihar Mausam Update: बिहार के इन तीन जिलों के लिए दोपहर तक रेड अलर्ट, बारिश-वज्रपात की चेतावनी BIHAR POLICE : बारात की गाड़ी चेक करना पुलिसकर्मियों को पड़ा महंगा, हमले में दारोगा समेत 4 जख्मी Morning habits: सुबह की ये 10 आदतें बढ़ा सकती हैं आपकी एकाग्रता और जीवन की गुणवत्ता BIHAR POLICE : एक्शन में पुलिस महकमा, काम में लापरवाह पुलिसकर्मियों के साथ हो रहा यह काम; इस थाने के इंस्पेक्टर को मिली सजा PATNA NEWS : नशेड़ी ड्राइवर का तांडव, डिवाइडर से टकराई तेज रफ्तार कार; बाल-बाल बचे तीन लोग Amul Milk Price Hike: आज से दूध हुआ महंगा, अमूल ने बढ़ाई कीमत,जानें.....

संसद में अमित शाह का मास्टरस्ट्रोक, NIA बिल पर फंस गयी कांग्रेस

संसद में अमित शाह का मास्टरस्ट्रोक, NIA बिल पर फंस गयी कांग्रेस

16-Jul-2019 02:33 PM

By 4

DELHI: बीजेपी के चाणक्य अमित शाह के मास्टर स्ट्रोक से संसद में आज कांग्रेस से लेकर ओवैसी तक फंस गये. लोकसभा में आज आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी NIA के अधिकार बढ़ाने वाली बिल पर चर्चा हुई. सदन में सरकार के पास बहुमत है लिहाजा बिल का पास होना तय था. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मत विभाजन यानि वोटिंग कराने की मांग कर दी. शाह के इस मास्टर स्ट्रोक के बाद विपक्षी बेंच पर बेचैनी फैल गयी. चर्चा के दौरान इस बिल का तीखा विरोध करने वाली कांग्रेस खिलाफ में वोट नहीं कर पायी. NIA संसोधन बिल के पक्ष में 278 तो विपक्ष में सिर्फ 6 वोट पड़े. NIA बिल पर चर्चा के बाद वोटिंग दरअसल, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) को और अधिकार देने के लिए आज संसोधन बिल लाया था. सरकार NIA को और अधिकार देना चाह रही है. आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली इस एजेंसी को सरकार विदेशों में भारतीयों पर होने वाली आतंकी घटनाओं की जांच का अधिकार देने जा रही है. साथ ही उन्होंने आर्म्स एक्ट, साइबर क्राइम, मानव तस्करी जैसे मामलों की जांच का भी अधिकार मिलने जा रहा है. सरकार ने आज यही बिल पेश किया था. संसद में बिल पेश करते हुए गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सभी पार्टियों का  समर्थन मांगा. लेकिन कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने इसका तीखा विरोध किया. उन्होंने कहा कि NIA का दुरूपयोग किया जा रहा है. भारत को पुलिस स्टेट में तब्दील किया जा रहा है. राजनीतिक कारणों से लोगो को फंसाया जा रहा है. बिल का सबसे तीखा विरोध असदुद्दीन ओबैसी ने किया. इस दौरान उनकी गृह मंत्री अमित शाह से तीखी बहस भी हुई. सत्ता पक्ष से हुई वोटिंग की मांग सामान्यतः संसद में किसी बिल पर चर्चा के बाद ध्वनिमत से उसे पारित करने की औपचारिकता निभायी जाती है. सरकार के पास बहुमत होता है लिहाजा बिल पास हो जाता है. लेकिन इससे ये पता नहीं चल पाता कि किसने बिल के पक्ष या विपक्ष में वोट दिया. NIA बिल पर चर्चा के बाद स्पीकर ने ध्वनिमत से इसे पास कराने की प्रक्रिया शुरू की. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने मत विभाजन कराने की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि देश के सामने ये बात जानी चाहिये कि कौन आतंकवादियों का हमदर्द है. गृह मंत्री की मांग के बाद वोटिंग हुई और उसमें सिर्फ 6 सदस्यों ने इस बिल के खिलाफ वोटिंग की. 278 सदस्यों ने पक्ष में वोट दिया. लिहाजा बिल पास हो गया.