Bihar News: बिहार में डिजिटल भू-अभिलेख प्रबंधन को मिली नई दिशा, दाखिल-खारिज के लिए पोर्टल की हुई शुरुआत Bihar News: बिहार में डिजिटल भू-अभिलेख प्रबंधन को मिली नई दिशा, दाखिल-खारिज के लिए पोर्टल की हुई शुरुआत Bihar News: सहरसा में कोसी का तांडव जारी, कई घर नदी में विलीन Dheeraj Kumar: मशहूर अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार का 79 वर्ष की उम्र में निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Dheeraj Kumar: मशहूर अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार का 79 वर्ष की उम्र में निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Bihar News: बूढ़ी गंडक नदी में नहाने के दौरान तीन बच्चे डूबे, दो को लोगों ने बचाया गया; एक लड़का लापता Akshra Singh: भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह को क्यों करना पड़ा कोर्ट में सरेंडर? जानिए.. पूरा मामला Bihar Cabinet Meeting: पटना के बाद 'गंगा नदी' किनारे वाले इन शहरों में बनेंगे GANGA PATH, 83 KM सड़क निर्माण पर खर्च होंगे 9970 करोड़....नये बाइपास का होगा निर्माण Bihar News: शिवालय से जलाभिषेक कर लौट रहे कांवरिया की मौत, गांव में पसरा मातम Patna News: पटना के प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
29-Mar-2020 10:42 AM
RANCHI: कोरोना और लॉकडाउन के दौरान बंद निजी स्कूलों को लेकर झारखंड के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों की फीस में रियायत दिलायेगी. इसको लेकर कोशिश की जा रही है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. स्कूल प्रबंधक से बात की जाएगी कि जितना दिन बंद रहेगा, उतने समय की ट्यूशन फीस और बस किराया बच्चों से स्कूल प्रबंधन नहीं लें. इसे परिजनों को राहत मिलेगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना को खतरे के कारण पूरे देश में लॉकडाउन हैं. जिसका असर अभिभावकों पर पड़ा है. लोगों की आर्थिक स्थिति पर इसका बुरा असर पड़ा है. इसको लेकर वह झारखंड के निजी स्कूलों के प्रबंधन से बात करेंगे. स्थिति सामान्य होने पर स्कूल प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी जायेगी. सरकार ने कोरोना के खतरे को लेकर 17 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक सभी स्कूल बंद करने का आदेश 16 मार्च को दी थी.
तीन माह स्कूल बंद होने पर भी वसूलते हैं पैसा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि छुट्टी को लेकर करीब तीन माह स्कूल बंद रहता है. फिर भी स्कूल प्रबंधन बस और स्कूल फीस वसूल लेते हैं. निजी स्कूल हर साल वार्षिक शुल्क के नाम पर फीस लेते हैं. मनमाने तरीके से पैसा वसूलने वाले स्कूलों पर सरकार की नजर हैं.