ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: अब कंप्यूटर सीखेंगे बिहार की जेल में बंद कैदी, इन महत्वपूर्ण कोर्सेज की दी जाएगी ट्रेनिंग PMAY Phase 2: बिहार में शहरी गरीबों को मिलेगा बड़ा तोहफा, छह लाख तक पहुंच सकती है आवास संख्या PBKS vs MI: फ़ाइनल की रेस से MI बाहर, हार्दिक पंड्या ने इन लोगों के सिर पर फोड़ा हार का ठीकरा Bihar News: नमो मेट्रो ट्रेन से जुड़ी बड़ी योजना, बक्सर तक विस्तार से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी होगी मजबूत IPL 2025: अय्यर ने किया मुंबई के सपने को चकनाचूर, अब फ़ाइनल में RCB से बदले की बारी Bihar News: बिहार का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट इस साल होगा चालू, मिलेगी 185 मेगावाट बिजली Bihar Weather: इन जिलों में तेज हवा और ठनका करेगा परेशान, पटना में कुछ ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज Bihar news : पटना से एक साथ चार नाबालिग लड़कियां लापता, परिवारों में मचा हाहाकार शादी की खुशियां गम में बदली: ट्रक और पिकअप वैन की टक्कर में 5 की मौत, 8 की हालत गंभीर BIHAR: जाली नोटों का सौदागर निकला SAP जवान, 500 रुपये के 123 जाली नोटों से साथ गिरफ्तार

NASA ने खोज निकाला चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा, क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिले 3 टुकड़े

NASA ने खोज निकाला चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा, क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिले 3 टुकड़े

03-Dec-2019 07:25 AM

DESK: इसरो के मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को आखिरकार NASA ने ढूंढ़ निकाला है. नासा ने चांद की सतह पर इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे को खोज निकाला है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आज सुबह अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) से ली गई एक तस्वीर जारी की है, जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित जगह नजर आ रही है.


NASA ने दावा करते हुए कहा है कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा उसके क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला है. मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सेल के हैं. NASA ने विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की तस्वीर जारी करते हुए बताया कि उसके ऑर्बिटर को विक्रम लैंडर के तीन टुकड़े मिले हैं. NASA के मुताबिक विक्रम लैंडर की तस्वीर एक किलोमीटर की दूरी से ली गई है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने नासा से संपर्क साधा है और विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की पूरी जानकारी मांगी है. 

आपको बता दें कि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान 7 सितंबर को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. लैंडर को चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसका संपर्क टूट गया था.