Bihar News: मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के दौरान बूढ़ी गंडक नदी में डूबे 4 युवक, मची अफरा-तफरी Bihar Police: नीतीश सरकार ने 4 ASP को स्टाफ ऑफिसर बनाया, चार DSP बने सीनियर डीएसपी, सूची देखें... Bihar Politics: राहुल गांधी की सभा...खाली कुर्सियों को लाइव भाषण सुना रहे थे, नहीं आई पब्लिक...हॉल के बाहर की सच्ची तस्वीर देखिए bihar news: वसुधा केंद्र में भी जमीन के दस्तावेज मिलेंगे, यही से राजस्व न्यायालय में वाद दायर भी किया जाएगा गोपालगंज में रिटायर्ड सैनिक की हत्या का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025: पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान,बोलीं..कई दलों से चल रही बातचीत Road Accident In Bihar: सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, DJ की गाड़ी से कुचल कर एक बच्चे की मौत; दो दर्जन घायल Road Accident in bihar : सड़क हादसे में साले की तिलक समारोह से लौट रहे जीजा की मौत, मातम का माहौल India vs England ODI : भारत-इंग्लैंड वनडे मैच से पहले स्टेडियम में मची भगदड़, कई लोग हुए बेहोश; कुछ के हालत गंभीर pragati yatra: प्रगति यात्रा के दौरान CM नीतीश ने मुंगेर वासियों को दी 400 करोड़ रूपये की सौगात, 1500 करोड़ की बड़ी परियोजनाओं की भी घोषणा
03-Mar-2020 01:59 PM
DESK : ईश्वर ने इस पृथ्वी की रचना बहुत ही संतुलन के साथ की थी, पर इंसानों ने इस संतुलन को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. ऐसा लगता है, मानो पृथ्वी पर उनका ही अधिकार है. पर वो भूल गए है कि इसका दुष्परिणाम हमारे साथ आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना होगा.हमें इस बात को स्वीकार करना होगा की प्रकृति ने एक ऐसी संरचना तैयार की है, जहां सभी जीव-जंतु एक दुसरे पर निर्भर करते है. आपने कभी सोचा है की ऐसी परिस्थिति कैसे हो गई. विचार करने पर हम पाएंगे की इसकी बड़ी वजह लालच है, हम तरकी और विकास के दौड़ में ऐसे शामिल हुए की प्रकृति का संतुलन ही बिगड़ गया. तभी तो इस भूल की भरपाई के लिए हम अब विश्व वन्यजीव दिवस मानते है.
जी हां, 3 मार्च यानि आज विश्व वन्यजीव दिवस है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68 वे अधिवेशन में यह फैसला लिया. वन्य जीवों के संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रति वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की. देर से ही सही पर इसकी शुरुआत 2014 में हुई.
धरती पर मानव जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वन्यजीवों तथा पेड़-पौधों की उपस्थिति अनिवार्य है. वन्यजीवों के बिना धरती सिर्फ एक सूखे-उजाड़ ग्रह की भांति होगी, जिस पर जीवन मुमकिन नही होगा.वन्यजीवों को खोना हमारी सामर्थ्य से बाहर है.
हर साल विश्व वन्यजीव दिवसको अलग-अलग थीम पर आयोजित किया जाता है.संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस बार की थीम ‘पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना’ तय किया गया है. आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे कि हर 24 घंटे के अंदर जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों की लगभग 200 प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अतः यह स्पष्ट है कि प्रति वर्ष करीब 73,000 प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त हो रही हैं. हमने पिछले कुछ वर्षो में जीव जंतुओं और पेड़ पौधों कीलगभग 80 लाख प्रजातियों को नष्ट कर दिया है.
यदि हम इस परिस्थिति को और गंभीर होने से रोकना चाहते है तो इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना होगा. हमे लोगों में जागरूकता लानी होगी. जंगलों की कटाई, दुर्लभ जीव जंतुओं का व्यापार, जानवरों के अंगों की तस्करी मुख्या कारण है जिसकी वजह से ये संकट आया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहल के कारण ही सही पर एक उम्मीद की किरण पर्यावरण और वन जीवों के संरक्षण में लोगों में जागी है. इस पहल में हमे भी योगदान देना होगा.