Bihar Politics: तेजस्वी यादव मेरे छोटे भाई हैं- निशांत, 'मेरे पिता 100 फीसदी स्वस्थ हैं...आराम से 5 साल CM रह सकते हैं' Bihar Politics: तेजस्वी यादव मेरे छोटे भाई हैं- निशांत, 'मेरे पिता 100 फीसदी स्वस्थ हैं...आराम से 5 साल CM रह सकते हैं' Bihar Crime News: पति ने पत्नी को मौत के घाट उतारा, घरेलू कलह में वारदात को दिया अंजाम Bihar News: बिहार के इस जिले को मिली दो नई सड़कों की सौगात, सरकार ने दी 44 करोड़ की मंजूरी अजब प्रेम की गजब कहानी: सास-दामाद के बाद अब समधी और समधन की लव स्टोरी, घर छोड़ दोनों हुए फरार Innovative farming: 8 लाख की नौकरी छोड़ गांव लौटा युवक...अब खेती से कमा रहा है दोगुनी कमाई! जानिए कैसे? Bihar News: जमुई में नो एंट्री टाइम में बदलाव से जनता को बड़ी राहत, एसपी के निर्देश पर प्रभावी हुआ नया नियम Arvind Kejriwal Daughter Wedding: पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता शादी के बंधन में बंधीं, संभव जैन के साथ लिए सात फेरे Goal Institute: गोल इंस्टीट्यूट में विशेष सेमिनार का आयोजन, नीट 2025 के लिए छात्रों को मिला महत्वपूर्ण मार्गदर्शन Bihar Politics: सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में मचे घमासान पर BJP की पैनी नजर, क्या बोले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय?
03-Mar-2020 01:59 PM
DESK : ईश्वर ने इस पृथ्वी की रचना बहुत ही संतुलन के साथ की थी, पर इंसानों ने इस संतुलन को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. ऐसा लगता है, मानो पृथ्वी पर उनका ही अधिकार है. पर वो भूल गए है कि इसका दुष्परिणाम हमारे साथ आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना होगा.हमें इस बात को स्वीकार करना होगा की प्रकृति ने एक ऐसी संरचना तैयार की है, जहां सभी जीव-जंतु एक दुसरे पर निर्भर करते है. आपने कभी सोचा है की ऐसी परिस्थिति कैसे हो गई. विचार करने पर हम पाएंगे की इसकी बड़ी वजह लालच है, हम तरकी और विकास के दौड़ में ऐसे शामिल हुए की प्रकृति का संतुलन ही बिगड़ गया. तभी तो इस भूल की भरपाई के लिए हम अब विश्व वन्यजीव दिवस मानते है.
जी हां, 3 मार्च यानि आज विश्व वन्यजीव दिवस है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68 वे अधिवेशन में यह फैसला लिया. वन्य जीवों के संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रति वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की. देर से ही सही पर इसकी शुरुआत 2014 में हुई.
धरती पर मानव जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वन्यजीवों तथा पेड़-पौधों की उपस्थिति अनिवार्य है. वन्यजीवों के बिना धरती सिर्फ एक सूखे-उजाड़ ग्रह की भांति होगी, जिस पर जीवन मुमकिन नही होगा.वन्यजीवों को खोना हमारी सामर्थ्य से बाहर है.
हर साल विश्व वन्यजीव दिवसको अलग-अलग थीम पर आयोजित किया जाता है.संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस बार की थीम ‘पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना’ तय किया गया है. आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे कि हर 24 घंटे के अंदर जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों की लगभग 200 प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अतः यह स्पष्ट है कि प्रति वर्ष करीब 73,000 प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त हो रही हैं. हमने पिछले कुछ वर्षो में जीव जंतुओं और पेड़ पौधों कीलगभग 80 लाख प्रजातियों को नष्ट कर दिया है.
यदि हम इस परिस्थिति को और गंभीर होने से रोकना चाहते है तो इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना होगा. हमे लोगों में जागरूकता लानी होगी. जंगलों की कटाई, दुर्लभ जीव जंतुओं का व्यापार, जानवरों के अंगों की तस्करी मुख्या कारण है जिसकी वजह से ये संकट आया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहल के कारण ही सही पर एक उम्मीद की किरण पर्यावरण और वन जीवों के संरक्षण में लोगों में जागी है. इस पहल में हमे भी योगदान देना होगा.