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08-Feb-2020 02:08 PM
RANCHI: जेडीयू के विधान पार्षद जावेद इकबाल अंसारी ने फिर पलटी मार ली है. जावेद आज रांची जाकर लालू प्रसाद यादव से मिल आये. लालू से मिलकर निकले जावेद ने कहा कि नीतीश में कोई दम नहीं है. बिहार को अब युवा और नये नेतृत्व यानि तेजस्वी यादव की जरूरत है.
6 साल पहले लालू को दिया था धोखा आज सुर बदल गये
रांची के रिम्स में हुए घटनाक्रम से पहले हम आपको मो. जावेद इकबाल अंसारी का परिचय़ बता दें. जावेद इकबाल अंसारी तीन दफे लालू यादव की पार्टी आरजेडी से विधायक रह चुके हैं. आखिरी दफे वे 2010 में बांका से विधायक चुने गये थे. आरजेडी का विधायक रहते ही उन्होंने लालू यादव को जोरदार झटका दिया था. 2014 में उन्होंने राजद विधायक दल को तोड़ने की रूपरेखा तैयार की. हालांकि विधायकों की संख्या पूरी नहीं हो पायी लिहाजा लालू की पार्टी में टूट नहीं हो पायी. लेकिन जावेद इकबाल अंसारी कुछ RJD विधायकों के साथ नीतीश के खेमे में चले गये. उनके साथ जाने वालों में सम्राट चौधरी से लेकर रामलषण राम रमण जैसे विधायक शामिल थे.
लालू प्रसाद यादव को धोखा देने का पुरस्कार भी उन्हें नीतीश कुमार की ओर से मिला था. नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया. कुछ दिनों के लिए वे मंत्री भी बने. लेकिन जब 2015 में लालू-नीतीश की दोस्ती हुई तो वे साइडलाइन कर दिये गये.
MLC जावेद का यू टर्न
जावेद इकबाल अंसारी आज लालू प्रसाद यादव से मिलने रांची के रिम्स पहुंच गये. बाहर निकले तो मीडिया ने सवाल पूछा. जवाब में जावेद बोले
“ मैं राजनीति में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की पैदाइश हूं. लालू जी ने ही मुझे राजनीति में जन्म दिया और पाला-पोसा. आज उनका आशीर्वाद लेने आया था. वैसे तो अभी मैं जेडीयू का MLC हूं लेकिन अब बिहार को नये और युवा ऊर्जावान नेतृत्व की जरूरत है. हमलोग कोशिश करेंगे कि बिहार को इस साल के चुनाव में नया नेतृत्व मिले.”
क्यों बेचैन हैं जावेद इकबाल अंसारी
दरअसल जावेद इकबाल अंसारी का विधान परिषद का टर्म इस साल पूरा हो रहा है. जेडीयू में वे साइड कर दिये गये हैं लिहाजा कोई उम्मीद ही नहीं है कि उन्हें रिपीट किया जायेगा. जिस बांका सीट से वे चुनाव लड़ते थे उस पर फिलहाल बीजेपी के विधायक रामनारायण मंडल काबिज हैं. मंडल बिहार सरकार में मंत्री भी हैं. जेडीयू-बीजेपी के समझौते में बांका सीट बीजेपी के हिस्से में जाना तय है. लिहाजा जावेद को जेडीयू से विधानसभा का टिकट मिलने की भी कोई संभावना नहीं है.
इन्हीं परिस्थितियों में आज जावेद इकबाल अंसारी को लालू प्रसाद यादव याद आये. आरजेडी के सूत्रों की मानें तो जावेद काफी दिनों से लालू प्रसाद यादव से मिलने का टाइम मांग रहे थे. काफी गुहार के बाद लालू प्रसाद यादव ने आज उन्हें मिलने का टाइम दिया. सूत्रों की मानें तो मुलाकात के दौरान जावेद इकबाल अंसारी ने लालू से विधानसभा चुनाव का टिकट मांगा. लेकिन लालू ने उन्हें कोई स्पष्ट आश्वासन देने के बजाय इंतजार करने को कहा है.