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26-Aug-2021 02:38 PM
By ASMIT
PATNA: लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रत्येक सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का आयोजन किया जाता है। जिसमें खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फरियादियों की समस्याओं को सुनते हैं। इसी तर्ज पर जेडीयू और बीजेपी प्रदेश कार्यालय में भी जनता दरबार लगाया जाता है। आज तीसरे दिन भी जेडीयू प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाया गया। हालांकि कुछ लोग फरियाद नहीं सुने जाने से नाराज दिखे। लोगों ने कहा कि आवेदन भी नहीं लिया गया और फरियाद भी नहीं सुनी गयी।
जेडीयू के जनता दरबार में कई फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे। जनता दरबार में मौजूद मंत्रियो ने उनकी शिकायते सुनी। वही जेडीयू के जनता दरबार में आए कुछ लोग फरियाद नहीं सुने जाने से नाराज दिखे। अरवल जिले से आए ललन की शिकायत है कि उसके आवेदन को लिया ही नहीं गया।
ललन ने बताया कि समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने आवेदन लेने से इनकार कर दिया। मंत्री जी ने कहा कि यह पुलिस का मैटर है आप मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाइए। फरियादी ललन ने बताया कि ऐसा कही लिखा हुआ नहीं है कि पुलिस मैटर हो तो जेडीयू के जनता दरबार में नहीं आना है।
जेडीयू के जनता दरबार में अरवल से जब पूछा गया कि आप यहां क्यों आएं तो उसने बताया कि 29 मार्च 1997 में जब नरसंहार हुआ था तब उस वक्त निवर्तमान मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मुआवजा और नौकरी की घोषणा की थी। उस वक्त उसे सरकार की तरफ से पुलिस विभाग में नौकरी मिली थी।
25 मई 1997 को पुलिस की नौकरी मिली और 11 अगस्त 2004 में उसकी नौकरी छिन ली गयी। पीड़ित ललन ने बताया कि 1998 में लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार में भी 61लोग मारे गये थे। इस दौरान विनोद पासवान नामक व्यक्ति को आरक्षी के पद पर बहाल किया गया था। लेकिन उसे भी 2005 में नौकरी से हटा दिया गया। जबकि हमें 2004 में हटाया गया।
ललन ने बताया कि विनोद पासवान की पुन: बहाली 2007 में हो गयी लेकिन उसकी बहाली आज तक नहीं हो पाई है। नरसंहार में मारे गये लोगों के परिजन अन्य विभागों में आज भी काम कर रहे हैं लेकिन पुलिस विभाग ने मेरी नौकरी छिन ली है। अब तक पुन: बहाली नहीं हो सकी है। ललन ने बताया कि नौकरी से हटाए 17 साल हो गये हैं उनकी पारिवारिक स्थिति बहुत खराब हो गयी है। अब तक बहाली नहीं होने से वे दर दर की ठोकरे खा रहे हैं।
न्याय की गुहार लगाने के लिए हर जनता दरबार में पहुंच रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है। उन्हें जनता दरबार से खाली हाथ घर लौटना पड़ रहा है। आज जब ललन जेडीयू के जनता दरबार में पहुंचा तब मंत्री जी ने आवेदन लेने से मना कर दिया। जब आवेदन ही नहीं लिया गया तो फरियाद कैसे सुनी जाए। मंत्री जी ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाने की नसीहत दे दी।
ऐसे में जनता दरबार में आने से उसे कोई फायदा नहीं मिला। पीड़ित ललन ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही और अफसरशाही की वजह से उसकी पुन: बहाली आज तक नहीं हो पाई है। नौकरी से हटाए 17 साल हो गये है लेकिन उसकी समस्याओं का निदान आज भी नहीं निकल पाया है। ललन ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शामिल होने के लिए ऑनलाईन आवेदन किया था लेकिन अब तक जनता दरबार में जाने की अनुमति नहीं मिल पाई है।
वही जेडीयू के जनता दरबार में आज कई जिलों से महिलाएं भी पहुंची। जो ठगी का शिकार हुई हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का झांसा देकर महिलाओं से लाखों की ठगी की गयी है। हजारों की संख्या में महिलाएं जनता दल यूनाईटेड के प्रदेश कार्यालय में आज पहुंची। इस दौरान महिलाओं ने सरकार से न्याय की गुहार लगायी।
अभी तक 700से ज्यादा लोगों से ठगी का मामला सामने आया है। पूरा मामला करीब करोड़ों रुपये का है। इन महिलाओं का कहना है कि मोतिहारी में हम लोगों को राज सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं में हिस्सेदारी और हर महीने 25 हजार देने के मामले को लेकर एक-एक व्यक्ति से चार लाख रुपये जमा कराए गए और उसके बाद लगभग 700 लोगों का करोड़ों रुपया लेकर से फरार हो गई।
जदयू प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार का आज तीसरा दिन हैं। आज भी भारी संख्या में फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंची। लेकिन जब इन्हें मिलने नहीं दिया गया तो पार्टी कार्यालय के बाहर इन्होंने अपनी आपबीती मीडिया को बतायी। महिलाओं का कहना है कि हम लोग काफी दूर से आए है लेकिन उनकी शिकायते नहीं सुनी जा रही है।
कोई शिवहर जिले से आई हैं तो कोई घोड़ासहन और पश्चिम चंपारण से बड़ी उम्मीद लेकर जनता दरबार में पहुंची। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है। लोन के मामले को लेकर महिलाएं जेडीयू के जनता दरबार में पहुंची थी। जदयू के पार्टी दफ्तर के बाहर महिलाओं की भीड़ देखी गयी।
इन महिलाओं का कहना था कि सिर्फ नेता वोट मांगने आते हैं लेकिन जब कोई समस्या होती है तो पल्ला झाड़ लेते हैं। उनकी मदद तक कहना भुल जाते है। यही कारण है कि आज उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। आज पार्टी दफ्तर में लगाए गये जनता दरबार में महिलाएं मंत्रियों से मिलने आई थी। लेकिन मिलने से इनकार कर दिया गया। जिसके बाद महिलाएं दफ्तर से बाहर आ गयी।
महिलाओं का कहना था कि जब तक मुख्यमंत्री हमसे नहीं मिलेंगे तब तक हम यहीं भूख हड़ताल करेंगे। महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलना चाहती हैं। रोती बिलखती महिलाओं ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह कहा कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नहीं मिलेंगे तब तक यही पर तड़प-तड़प कर मर जाएंगे। उनकी समस्याओं पर पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। महिलाओं ने रोते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की।