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23-Aug-2021 12:44 PM
DELHI : जातीय जनगणना के सवाल पर बीजेपी को घेरने में लगे बिहार के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री के सामने सफाई भी देनी पड़ी. बंद कमरे में जब प्रधानमंत्री से बिहार का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मिल रहा था तो वहां भी नीतीश सफाई दे रहे थे. नीतीश ने बताया-हमें तेजस्वी यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री से मिलना चाहिये.
बंद कमरे में क्या बात हुई
दिल्ली में आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सभी पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जातिगत जनगणना की मांग की. प्रधानमंत्री से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में 10 पार्टियों के 11 नेता शामिल थे. सब को बारी-बारी से बोलने का मौका मिला. शुरूआत नीतीश कुमार ने की. उन्होंने सबसे पहले ये बताया कि प्रधानमंत्री से मिलने क्यों आये हैं. नीतीश ने बताया कि बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ये प्रस्ताव दिया था कि प्रधानमंत्री से मिल कर जातिगत जनगणना कराने की मांग करनी चाहिये. उनके प्रस्ताव पर सभी सहमत थे. लिहाजा उन्होंने पहल की औऱ प्रधानमंत्री से मिलने का टाइम मांगा.
सफाई देते नजर आय़े नीतीश
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार सफाई देने की मुद्रा में नजर आय़े. मुलाकात के बाद जब वे बाहर निकल कर मीडिया से बात कर रहे थे तब भी बार-बार उनका यही कहना था कि बिहार के सभी दलों की ये मांग है कि जातिगत जनगणना करायी जाये. नीतीश कुमार ने कम से पांच बार ये कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने बहुत गौर से सब लोगों की बात सुनी है. इसलिए उनसे फिलहाल निराश होने का सवाल कहां है.
जब तेजस्वी को नीतीश ने रोका
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया से बात की. पहले नीतीश बोले औऱ फिर तेजस्वी की बारी आय़ी. तेजस्वी ने एक बार भी नहीं कहा कि प्रधानमंत्री से उन्हें उम्मीद है कि वे जातिगत जनगणना करायेंगे. पत्रकारों ने तेजस्वी से सवाल पूछा कि अगर प्रधानमंत्री उनकी बात नहीं मानेंगे यानि जातिगत जनगणना नहीं होगी तो वे क्या करेंगे. तेजस्वी कुछ बोलने जा रहे थे तभी नीतीश ने उन्हें टोका. कहा-अभी ये बात नहीं करनी चाहिये. अभी तो मुलाकात ही हुई है.
बीजेपी के प्रतिनिधि खामोश रहे
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी दलों ने विधानसभा में अपने विधायक दल के नेता को भेजा था सिर्फ बीजेपी को छोड़ कर. मुख्यमंत्री की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने जा रहा था. बिहार में बीजेपी के दो-दो डिप्टी सीएम हैं. तारकिशोर प्रसाद डिप्टी सीएम होने के साथ साथ विधायक दल के नेता हैं तो दूसरी डिप्टी सीएम रेणु देवी विधायक दल की उपनेता है. लेकिन दोनों में से कोई भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हुआ. बीजेपी ने अपने मंत्री जनक राम को भेजा था. प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक दूसरी पार्टी के नेता ने बताया कि जनक राम प्रधानमंत्री के सामने भी खामोश बैठे थे. बाहर निकल कर सारी पार्टी के नेताओं ने मीडिया से बात की लेकिन जनक राम मीडिया से भी कुछ नहीं बोले.
नीतीश-बीजेपी के रिश्तों का क्या होगा
जातिगत जनगणना पर नीतीश ने पूरी ताकत बीजेपी को फंसाने में झोंकी है. बीजेपी ये समझ रही है कि उसे फंसाने के लिए नीतीश ने किस तरह से चालें चली. नीतीश लगातार राजद की भाषा बोलते रहे. राजद के नेता तेजस्वी यादव ने उनसे जो मांग की उन सब पर वे तत्काल सहमत हो गये. इस पूरी प्रकरण में उन्होंने बीजेपी से एक बार राय मशवरा करना भी सही नहीं समझा. जबकि नीतीश कुमार पूरी तरह से बीजेपी के भरोसा सरकार चला रहे हैं. लेकिन नीतीश तमाम वह चाल चल रहे थे जिससे बीजेपी पर पिछड़ा विरोधी होने की मुहर लगे.
बीजेपी को नीतीश कुमार की चाल समझ आ रही है. जानकार बताते हैं कि कहीं न कहीं बीजेपी के स्तर से जेडीयू को ये मैसेज भी दिया जा चुका है. लिहाजा नीतीश के तेवर वैसे नहीं है जो इसी महीने की शुरूआत में थे. लेकिन क्या बीजेपी नीतीश कुमार की इस चाल को भूल पायेगी. ये देखना वाकई दिलचस्प होगा.