जहानाबाद में एरिस्टो फार्मा ने किया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन, सैकड़ों लोगों का हुआ फ्री चेकअप जहानाबाद में एरिस्टो फार्मा ने किया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन, सैकड़ों लोगों का हुआ फ्री चेकअप 1XBet case: बेटिंग ऐप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह और सोनू सूद समेत इन सेलिब्रिटीज की करोड़ों की संपत्ति अटैच 1XBet case: बेटिंग ऐप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह और सोनू सूद समेत इन सेलिब्रिटीज की करोड़ों की संपत्ति अटैच NSMCH ने जटिल सर्जरी में बड़ी सफलता हासिल की, बिहार के सबसे ज्यादा वजन वाले व्यक्ति की मोटापे की सर्जरी Bihar Bhumi: पटना में दाखिल-खारिज के 36 प्रतिशत आवेदन हुए रिजेक्ट, जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी; जानिए.. पूरी वजह Bihar Bhumi: पटना में दाखिल-खारिज के 36 प्रतिशत आवेदन हुए रिजेक्ट, जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी; जानिए.. पूरी वजह Bihar News: नौकरी जॉइन करेंगी डॉक्टर नुसरत? हिजाब विवाद पर सहेली ने दिया जवाब Bihar News: बिहार में स्कॉर्पियो और स्कूल वैन की जोरदार टक्कर, हादसे में स्कूली बच्चे समेत तीन लोग घायल Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश
16-Oct-2023 07:28 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सरकार को विधानसभा सत्र का इंतजार किये बिना प्रत्येक वार्ड के जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए, ताकि सच सामने आए।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब सर्वे के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं और कई जातियां ठगा हुआ महसूस कर रही हैं, तब वार्ड-वार आंकड़ों का प्रकाशन ही संदेह दूर कर सकता है। इसे जारी करना आसान है क्योंकि अब आंकड़ों का विश्लेषण नहीं करना है। उन्होंने कहा कि राजद, जदयू जैसे सत्तारूढ़ दलों को जातीय सर्वे के वार्ड-वार आंकड़े चुपचाप उपलब्ध करा दिये गए हैं, ताकि वे इसके आधार पर चुनावी रणनीति बनाए जा सकें।
जातीय सर्वे-2022 के अनुसार बिहार में कोड-22 के अन्तर्गत थर्ड जेंडर की संख्या 825 है, जबकि 2011 की जनगणना रिपोर्ट में बिहार के किन्नर समुदाय की आबादी 40,827 बतायी गई थी। उन्होंने कहा कि क्या यह आंकडों में गड़बड़ी का प्रमाण नहीं है? क्या 11 साल में इनकी संख्या बढने की बजाय 40 हजार कम हो गई? सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था, पार्टी का समर्थन था, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम तथ्यों के आधार पर सर्वे की त्रुटियों-विसंगतियों पर कोई सवाल न उठायें।