Bigg Boss 19: सलमान खान के बिग बॉस 19 का आज से आगाज, जानें... कब और कहां देखेंगे शो? SIR मामले में ECI 12 पार्टियों को भेजेगा नोटिस, अब हर हाल में करना होगा यह काम Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज का चुड़ैल ने किया पीछा, दुल्हन समझने की भूल पड़ी भारी; जानिए... उस रात का डरावना सच! Bihar News: बिहार में यहां GRP को मिले बॉडी वार्न कैमरे, अब हर गतिविधि पर होगी पैनी नजर INDIAN RAILWAY : चुनाव से पहले बिहार पर खूब मेहरबान हो रही मोदी सरकार, अब मिलेगा एक और नया उपहार CJI B.R. Gavai: तीसरे नंबर पर था, फिर भी बना CJI... गवई ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र RAOD ACCIDENT : तेज रफ़्तार का कहर, 20 फीट नीचे पानी भरे गड्ढे में गिरी तेज रफ्तार कार; 3 की मौत Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री में 2 करोड़ का घपला, 5 महिलाओं ने मिल कर दिया बड़ा कांड; कोर्ट से जारी हुआ आदेश Transfer Posting : बिहार चुनाव से पहले पुलिस महकमे में बदलाव, कई थानों के SHO हुए इधर-उधर Bihar News: दिल्ली-पटना के बीच दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, जानिए... पूरी डिटेल
21-Aug-2023 05:55 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में जातीय गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने जातीय गणना पर रोक लगाने से संबंधित दायर सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने हलफनामा दायर करने के लिए कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा, जिसपर कोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 28 अगस्त निर्धारित कर दी।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस याचिका पर पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड की जा रही है। इसके बाद याचिका करता के तरफ से जातीय गणना का ब्योरा रिलीज नहीं करने की मांग की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया था और मामले की सुनवाई 21 अगस्त तक टाल दी गई थी।
बता दें कि बीते 1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार का यह काम नियम संगत है और पूरी तरह से वैध है। राज्य सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। हाईकोर्ट ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को 'वैध' करार दिया था। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। पटना हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं।