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29-Oct-2024 07:07 PM
By First Bihar
DESK: रोशनी के पर्व दीपावली को लेकर पूरे देश में धूम है। तमाम तरह की लाइटों से बाजार सज गए हैं और इस बार लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं लेकिन, अभी भी लोगों के बीच इस बात को लेकर कन्फूजन है कि दीपावली का पर्व कब मनाया जाए। कुछ लोग इसे 31 अक्टूबर को मनाने की बात कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग 1 नवंबर को। अब हम आपके इसी कन्फूजन को दूर करेंगे।
दरअसल, हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे शुरू होकर 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे तक रहेगी। अमावस्या का यह समय ही दीपावली के लिए शुभ माना गया है। अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी का पूजन किया जाता है और ऐसा माना जाता है कि वह इस रात घर-घर में आकर अपनी कृपा बरसाती हैं। लिहाजा इस बार दीपावली 31 अक्टूबर 2024 को मनाना ही सही होगा।
पंडितों ने बताया कि लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय शाम के बाद होता है, 31 अक्टूबर की रात को यह समय सही रहेगा क्योंकि उस समय अमावस्या तिथि पूरे समय रहेगी। अगर 1 नवंबर को यह समय सही होता तो उस दिन भी दीपावली मनाई जा सकती थी। लेकिन 1 नवंबर को अमावस्या का समय केवल कुछ मिनटों के लिए रहेगा जो पूजा के लिए काफी नहीं है।
इसलिए, ज्योतिषाचार्यों और पंडितों का सुझाव है कि इस साल दीपावली 31अक्टूबर को मनाई जाए। इस दिन लक्ष्मी पूजन करना सही रहेगा और लोग इस रात को सुख-समृद्धि की कामना कर सकते हैं। दिवाली पर पूजा करना बहुत खास है। इस दिन पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाएं। सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति रखें, फिर उनके दाहिनी ओर माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें।
अब, पूजा करने के लिए बैठें और चारों ओर थोड़ा पानी छिड़कें। इसके बाद, संकल्प लें और पूजा शुरू करें। एक घी का दीपक जलाएं और माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाई अर्पित करें। पहले गणेश जी का और फिर माता लक्ष्मी का मंत्र पढ़ें। अंत में आरती करें और शंख बजाएं। घर में दीपक जलाने से पहले एक थाली में पांच दीपक रखें और उन पर फूल चढ़ाएं। फिर घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखें। दिवाली के दिन लाल, पीले या चमकदार रंग के कपड़े पहनें। काले, भूरे या नीले रंग से बचें।