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24-Sep-2024 04:50 PM
JAMUI: बिहार के जमुई जिले के रहने वाले 18 वर्षीय मिथिलेश मांझी दो लाख रूपये देकर फर्जी आईपीएस बना था जब पुलिस ने उसे पकड़ा तब वह सुर्खियों में आ गया। सोशल मीडिया पर मिथिलेश की ही चर्चा होने लगी। लेकिन जब उसे पुलिस ने दबोचा तो उसका मूड ही बदल गया। अब मिथिलेश पुलिस नहीं बनेगा बल्कि उसने कह दिया है कि वो एमबीबीएस की पढाई करके डॉक्टर बनेगा और लोगों की सेवा करेगा।
मिथिलेश का अगला प्लान धरती का भगवान बनने का है। सोशल मीडिया पर मिथिलेश से जब पूछा गया कि आप दसवीं पास है असली आईपीएस तो नहीं बन पाए लेकिन फर्जी आईपीएस बन गये। अब अगला प्लान क्या है? इस सवाल पर मिथिलेश कहता है कि अब वो पुलिस नहीं बनेगा बल्कि अब डॉक्टर बनेगा। डॉक्टर बनकर वो लोगों की जान बचाएगा। अब ऊ सब नहीं बनेंगे पुलिस नहीं बनेंगे।
बता दें कि जितना असली आईपीएस फेमस नहीं होता है उतना फर्जी आईपीएस बनकर मिथिलेश मांझी वायरल हो गया। वो लखीसराय के हलसी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। कुछ दिन पहले ही सिकंदरा पुलिस ने फर्जी आईपीएस अधिकारी मिथिलेश मांझी को पकड़ा था। शरीर पर आईपीएस की वर्दी और कमर में नकली पिस्टल और रेसिंग बाइक लेकर वो इलाके में घूम रहा था। जैसे ही पुलिस को इस बात की जानकारी मिली मिथिलेश को दबोचा गया।
जब उसे थाने पर लाकर पूछताछ की गयी तब उसकी बातें सुनकर पुलिस भी हैरान रह गयी। मिथिलेश ठगी का शिकार हुआ है। खैरा के रहने वाले मनोज सिंह ने उससे दो लाख रूपया ठग लिया और फरार हो गया। इधर मिथिलेश फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर इलाके में घूम रहा था। मिथिलेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया लेकिन ठगी करने वाले मनोज सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
दरअसल, सिकंदरा थाना की पुलिस ने जिला परिषद आवास के पास शुक्रवार की सुबह एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। खैरा निवासी मनोज कुमार को दो लाख रुपए देकर युवक फर्जी ट्रेनी आईपीएस अधिकारी बन गया था। दो लाख रुपए देने के बाद मनोज ने युवक को पिस्टल और आईपीएस अधिकारी की वर्दी दे दिया था।
शुक्रवार की सुबह जब सिकंदरा थाना की पुलिस सिकंदरा चौक के पास गस्ती कर रही थी, तभी बाइक पर घूम रहे आईपीएस अधिकारी पर पुलिस की नजर पड़ी। पुलिस ने जब उसे रोककर पूछताछ की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। युवक की पहचान लखीसराय के हलसी थाना अंतर्गत गोवर्धन बीघा धीरा गांव निवासी भागलु मांझी के 18 वर्षीय बेटे मिथिलेश मांझी के रुप में हुई है।
पूछताछ में फर्जी IPS अधिकारी मिथलेश मांझी ने बताया कि आईपीएस बनने के लिए उसने खैरा निवासी मनोज सिंह को दो लाख रुपए दिए थे। 4 सितंबर को उसीने आईपीएस की वर्दी जूता और पिस्टल सहित अन्य सामान भी दिया था। पूरे मामले पर सिकंदरा थाना अध्यक्ष मिंटू कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी आईपीएस बनकर घूम रहे एक युवक को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से नकली पिस्तौल जब्त किया गया।