ब्रेकिंग न्यूज़

Viral Wedding Card in Bihar: बिहार में शिक्षक अभ्यर्थी की शादी का कार्ड हुआ वायरल, दुल्हन के बारे में लिखी ऐसी बात कि हर कोई हैरान Viral Wedding Card in Bihar: बिहार में शिक्षक अभ्यर्थी की शादी का कार्ड हुआ वायरल, दुल्हन के बारे में लिखी ऐसी बात कि हर कोई हैरान Suhas Shetty: कौन थे हिंदू कार्यकर्त्ता सुहास शेट्टी? जिनकी बीच सड़क निर्मम हत्या कर दी गई, मंगलुरु में धारा 144 लागू Bihar News: बिहार के किसानों की बड़ी समस्या होगी दूर, करना होगा बस यह काम; जान लीजिए.. Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, बॉर्डर इलाके में बरती जा रही विशेष चौकसी Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, बॉर्डर इलाके में बरती जा रही विशेष चौकसी National Herald case :नेशनल हेराल्ड केस मामले में सोनिया और राहुल गांधी को कोर्ट का नोटिस, 7 मई को अगली सुनवाई SIT In Action: पाकिस्तान में 15 दिन रहा यह कांग्रेसी MP? पत्नी के NGO पर पाक से फंडिंग लेने का इल्जाम, जांच में जुटी SIT Success Story: चार बार फेल होने के बाद भी नहीं टूटे हौसले, कठिन परिश्रम कर 5वीं बार में बनीं UPSC टॉपर! Bihar Politics: BJP नेता ऋतुराज सिन्हा का तेजस्वी पर पलटवार, लालू यादव का नाम लेकर खूब सुनाया

इंटरनेशनल ई-मुशायरा का शानदार आगाज, एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल में कई प्रसिद्ध हस्तियां हुईं शामिल

इंटरनेशनल ई-मुशायरा का शानदार आगाज, एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल में कई प्रसिद्ध हस्तियां हुईं शामिल

31-May-2020 03:20 PM

PATNA : एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल और अदबी संगम, नई दिल्ली के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म जूम पर 30 मई को दो दिवसीय एडवांटेज इंटरनेशनल ई-मुशायरा का शानदार शुरुआत हुआ. जिसमें अमेरिका से फरहत शहजाद और डॉ नौशाह इसरार, भोपाल के नुसरत मेंहदी और डॉ शकील मोईन ने अपने काव्यों का पाठ किया. कार्यक्रम को मुंबई की ख्याति कावा ने मॉडरेट किया और डॉ शकील मोइन ने संचालन किया.


एडवांटेज इंटरनेशनल ई-मुशायरा एडवांटेज सपोर्ट के अध्यक्ष और प्रसिद्ध सर्जन डॉ ए ए  हई द्वारा स्वागत भाषण के साथ शुरू हुआ. ख्याति कावा की प्रारंभिक टिप्पणियों के बाद, नाजिम डॉ शकील मोइन ने एक अनोखे तरीके से, इस अद्भुत एडवांटेज ई-मुशायरा का संचालन  किया और अमेरिकी कवि डॉ नोहशा  इसरार को आमंत्रित किया. डॉ नोहशा  इसरार ने  प्यार और दिल की बातों से दर्शकों का दिल जीत लिया. उन्होंने अपने शानदार रचना को दिल तक पहुंचाया. शब्द की दुर्लभता और शब्दों के व्यापक उच्चारण ने दर्शकों को चकित कर दिया. 


उसने कुछ ऐसा ही कहा था -


मोहब्बत का परिंदा खौफ की दुनिया किया जाने 

जहां शाखें लरज़ती हैं, वहीँ आशियाँ बनता है

बहुत मजबूर है इंसान तो ज़िंदा यु  रहता है

कभी वह आंसू बहाता है, कभी वह मुस्कुराता है

थकन का गीत सूखी हड्डियों की धुन पर बजता है

गरीबों का कारवां सड़कों पर जब चलता है

उन्होंने अपनी काव्य कविता के कागज़ के फूलों का भी पाठ किया

भोपाल के डॉ। मोहतरमा नुसरत मेहदी ने भी प्रेम का राग गाया और इस विषय पर कई अच्छी कविताओं का पाठ किया। विशेष रूप से

अक़्ल को भूल जा कुछ देर तो नादानी कर

मसलेहत छोड़ ज़रा इश्क़ में आसानी कर

तू मेरा है तो ज़रा ध्यान रखा कर मेरा

ले मेरे ख़्वाब उठा इनकी निगहबानी कर।

ख़ुसरवी राग में इश्क़ की रागिनी कैसे डर जायेगी

प्रेममय देश मे कृष्ण की बांसुरी कैसे डर जायेगी

तीरगी चाहे जितनी भी हो रौशनी कैसे डर जायेगी

मौत के साथ इस जंग में ज़िन्दगी कैसे डर जायेगी

ख़ानक़ाहों के ढाले हुए हम ही गुरुकुल के पाले हुए

है फ़क़ीरों का रब एक तो बन्दगी कैसे डर जायेगी


हर वबा पर हर इक दौर में फ़तह पाई है इंसान ने

कॅरोना तेरी दहशत से फिर ये सदी कैसे डर जायेगी

बात हक़ की सुख़न में भी हो ये सिखाया है अजदाद ने

हौसला उनसे पाया है तो शायरी कैसे डर जाएगी 

डॉ। शकील मोइन ने भी इस अवसर पर बात की और मज़हब  नामक एक कविता को लोगों ने बहुत पसंद किया

दिन धूप से बरहम है ,शब है तो स्याही है!

हालात से लड़ने में मसरूफ सिपाही है !!

वीराने में बरगद पर चिड़ियों को उतरने दो ,

छाओं में थका हारा एक दूर का राही है!

उस गाँव की पगडंडी रह रह कर बुलाती है, 

उस गाँव में हमने भी एक बेटी ब्याही है!


——————


मज़हब इबादतों के तरीक़े का नाम है!

मज़हब मोहब्बतों में सलीक़े का नाम है!

मज़हब है एक उसूल ख़ोदा के दयार का !

मज़हब निशाने राह है लोगों से प्यार का !

मज़हब है मीठी बाँसुरी मोहन के तान की !

मज़हब में गूँजती है सदाऐं अज़ान की !

मज़हब बहन की ओढ़नी तन का लिबास है!

मज़हब में माँ के दूध की ताज़ा मिठास है!

मज़हब को सिर्फ़ प्यार व मोहब्बत पसंद है!

मज़हब इसी लिये तो अभी तक बुलंद है!

इस ई-कविता की अध्यक्षता करते हुए, एक प्रसिद्ध अमेरिकी कवि, फरहत शहजाद ने अपनी कविताओं के रंग बिखेरे और एक-एक करके चुनिंदा कविताओं का पाठ किया।

ज़िन्दगी काम है यह शतरंज की बाज़ी है 

रुख बचालो तो मेरे शह का सर जाता है 

उजाले इस क़दर बेनूर हुए 

किताबें ज़िन्दगी से दूर क्यों हैं 

कभी यूं हो कि पत्थर चोट खाते 

यह हर दम शीशे चूर क्यों हैं 

लिखने को अब उन्वान कहाँ से लाएं अब 

काग़ज़ से एक नाम मिटाकर बैठे हैं


एडवांटेज सपोर्ट के सचिव खुर्शीद अहमद ने कहा कि चूंकि कोरोना को लेकर लॉक डाउन  लगा हुआ है, ऐसे में हमने मुशायरा आयोजित कर लोगों को मानसिक शांति देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ई-मुशायरा इसकी चौथी कड़ी है. एड विंटेज सपोर्ट ने साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2019 में एक साहित्यिक उत्सव का शुभारंभ किया. इस एपिसोड में पहली बार एक  अमेरिकी लेखक, कवि और गीतकार फरहत शहजाद ने भाग लिया था. दूसरे एपिसोड में, बॉलीवुड लेखक, कवि और गीतकार ए.एम.तुराज़ ने  साहित्य और सभ्यता के बारे में पटना के लोगों के साथ इस शैली पर विस्तार से चर्चा की गई. तीसरी कड़ी में, बॉलीवुड कलाकार मनोज मुन्तशिर  ने पटना के लोगों का दिल जीत लिया. उन्होंने कहा कि दूसरे दिन, 31 मई को, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के मंसूर उस्मानी, कानपुर की शबीना अदीब, मुंबई के ए.एम. तराज़, अबू धाबी के सैयद सरूश आसिफ, बरेली, उत्तर प्रदेश के शारिक केफी उनमें से होंगे. कार्यक्रम की परिकल्पना  पटना की ओशन ललिता द्वारा की जाएगी और दिल्ली से अनस फैजी द्वारा संचालित की जाएगी.


एडवांटेज ग्रुप की सीएसआर कंपनी एडवांटेज सपोर्ट एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल का आयोजन कर रही है. इसमें साहित्य और कला की कला और संस्कृति की चर्चा है. उन्होंने कहा कि 7 जून को शाम 7.30 से 9.00 बजे तक डिजिटल प्लेटफॉर्म ज़ूम पर कव्वाली का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें दिल्ली के निज़ामी ब्रदर्स कव्वाली का प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना पर एडवांटेज सपोर्ट द्वारा लॉकडाउन के दौरान, कोका-कोला कंपनी के साथ साझेदारी में लोगों के बीच शीतल पेय वितरित किए गए. एडवांटेज सपोर्ट ने जन कल्याण से जुड़े कई मुद्दों पर काम किया है. पिछले लोकसभा चुनावों में, मतदाताओं में वोट डालने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए, उन्होंने 'वोट कम वोट' नाम से पटना में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया.


कोर कमेटी के सदस्य इस आयोजन को सफल बनाने के लिएफैजान अहमद, ओबैद-उर-रहमान, फहीम अहमद, खालिद रशीद, अहमद साद, एजाज अहमद, अनवारुल होदा , शिव चतुर्वेदी  शुमैला तहज़ीब, सचिव खुर्शीद अहमद और अध्यक्ष डॉ ए ए हई  ने कड़ी मेहनत की.